कटक हिंसा पर विहिप नेता शरत कुमार प्रधान कहते हैं, "यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। कटक हमेशा से एक शांतिपूर्ण शहर और भाईचारे के प्रतीक के रूप में जाना जाता रहा है। हालाँकि, ऐसा प्रतीत होता है कि कुछ असामाजिक तत्वों, खासकर कुछ समूहों के, ने जानबूझकर एक सुनियोजित साजिश के तहत इस सौहार्द को बिगाड़ने और सांप्रदायिक तनाव पैदा करने की कोशिश की... प्रशासन और सरकार को इस घटना के असली दोषियों की पहचान करनी चाहिए और समस्या को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। अगर इस मुद्दे का उचित समाधान नहीं किया गया, तो इससे कटक में हिंदू समुदाय में और अशांति फैल सकती है। विश्व हिंदू परिषद की ओर से, मैं सरकार और प्रशासन से आग्रह करता हूँ कि वे सुनिश्चित करें कि ऐसी घटनाएँ फिर न हों।"
लेकिन कटक में दुर्गा पूजा विसर्जन जुलूस के दौरान हुई झड़पों के बाद विश्व हिंदू परिषद ने संगठनात्मक स्तर पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।रिपोर्टों के अनुसार, विहिप ने हिंसा के विरोध में और प्रशासन की कथित "पूरी तरह से विफलता" के खिलाफ 12 घंटे के बंद का आह्वान किया था। विहिप ने आरोप लगाया कि कानून और व्यवस्था बनाए रखने में प्रशासन नाकाम रहा, जिसके कारण हिंसा भड़की।
यह हिंसा कटक के दरगाह बाजार के पास हाथी पोखरी इलाके में उस समय हुई जब विसर्जन जुलूस के दौरान तेज आवाज में संगीत बजाने को लेकर स्थानीय लोगों ने आपत्ति जताई। इसके बाद तकरार बढ़ गई और पथराव की घटना हुई, जिसमें कटक के डीसीपी सहित कई लोग घायल हो गए। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा और इलाके में इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी गईं। विहिप ने इन्हीं घटनाओं के विरोध में अपनी नाराजगी जाहिर की थी।
यह हिंसा कटक के दरगाह बाजार के पास हाथी पोखरी इलाके में उस समय हुई जब विसर्जन जुलूस के दौरान तेज आवाज में संगीत बजाने को लेकर स्थानीय लोगों ने आपत्ति जताई। इसके बाद तकरार बढ़ गई और पथराव की घटना हुई, जिसमें कटक के डीसीपी सहित कई लोग घायल हो गए। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा और इलाके में इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी गईं। विहिप ने इन्हीं घटनाओं के विरोध में अपनी नाराजगी जाहिर की थी।