“देश को मिलने जा रही है एक ऐसी तोप जो 2.5 मिनट में 10 गोले दाग सकती है। जी हां, डीआरडीओ ने एक ऐसी गन तैयार की है जो रेगिस्तान से लेकर बर्फीली चोटियों तक दुश्मनों पर कहर बनकर टूटेगी। नाम है – उन्नत टोड आर्टिलरी गन सिस्टम यानी ATAGS। अब इसके ट्रायल की तैयारी जोरों पर है। आइए जानते हैं इसकी 10 बड़ी खासियतें, और क्यों कहा जा रहा है कि ये तोप गेम चेंजर साबित होगी…”
भारत ने एक बार फिर सैन्य तकनीक के क्षेत्र में अपनी ताकत का लोहा मनवा दिया है। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने देश की सबसे उन्नत और शक्तिशाली तोप Advanced Towed Artillery Gun System (ATAGS) तैयार कर ली है। यह तोप इतनी सक्षम है कि 2.5 मिनट में 10 गोले दाग सकती है, और दुश्मन को 48 किलोमीटर दूर से भी तबाह कर सकती है।
यह पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक से बनी तोप न केवल भारतीय सेना को मजबूती देगी, बल्कि दुनिया को भारत की तकनीकी आत्मनिर्भरता का भी संदेश देगी। अब इस तोप के फाइनल ट्रायल की तैयारी शुरू हो चुकी है और जल्द ही यह सेना की सेवा में शामिल हो सकती है।
कैसे बनी ये तोप?
ATAGS का विकास पुणे स्थित आयुध अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान (ARDE) के नेतृत्व में हुआ है। इसे भारत फोर्ज और टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स जैसी निजी कंपनियों के साथ मिलकर तैयार किया गया है। परियोजना की शुरुआत 2012 में हुई थी, जब सेना को भविष्य की तोप प्रणाली की आवश्यकता महसूस हुई।
करीब एक दशक के अनुसंधान और परीक्षणों के बाद अब यह तोप तैयार और परिपक्व हो चुकी है। मार्च 2025 में भारतीय सेना ने 307 ATAGS तोपों का ऑर्डर दे दिया है, जिनमें से 60% भारत फोर्ज और 40% टाटा कंपनी द्वारा बनाई जाएंगी।
ATAGS की 10 प्रमुख खूबियां:
1. अद्भुत मारक क्षमता
ATAGS की अधिकतम मारक दूरी 48 किलोमीटर है, जो इसे दुनिया की सबसे शक्तिशाली फील्ड गन बनाती है।
2. तेज फायरिंग रेट
यह तोप 2.5 मिनट में 10 गोले और 60 सेकंड में 5 राउंड फायर कर सकती है। यह क्षमता किसी भी युद्ध स्थिति में बड़ा अंतर ला सकती है।
3. 25 बमों की बैरल क्षमता
इसमें एक बार में 25 राउंड गोला-बारूद भरा जा सकता है, जिससे लगातार और लंबे समय तक फायरिंग संभव होती है।
4. सभी मौसमों और इलाकों में तैनात
ATAGS को रेगिस्तान, पहाड़, बर्फीली चोटियां और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में आसानी से तैनात किया जा सकता है।
5. स्वत: प्रणोदन और इलेक्ट्रिक ड्राइव
इसमें ऑटोमेटिक लोडिंग, चार्जिंग और गन डिप्लॉयमेंट की सुविधा है। यह फायरिंग को तेज और अधिक सटीक बनाती है।
6. सटीक लक्ष्य भेदन
तोप में लगाए गए ऑप्ट्रॉनिक सिस्टम के जरिए यह 1.5 किलोमीटर तक प्रत्यक्ष निशाना लगा सकती है और 10 किलोमीटर तक की दूरी पर लक्ष्य पहचान कर सकती है।
7. कमाल का रिकॉइल सिस्टम
इसका रिकॉइल सिस्टम 100 बार तक लगातार फायरिंग सह सकता है, जो इसे युद्धक्षेत्र में टिकाऊ बनाता है।
8. भारतीय सेना के ACCCS से जुड़ाव
ATAGS को भारतीय सेना के आर्टिलरी कॉम्बैट कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम (ACCCS) से जोड़ा जा सकता है, जिससे युद्ध के दौरान डिजिटल निर्देश और प्रक्षेप पथ नियंत्रण संभव होता है।
9. मजबूत और आधुनिक डिजाइन
इसमें ऊपरी कैरिज और अंडरकैरिज दोनों हैं, जो इसकी संरचना को मजबूत और संचालन को आसान बनाते हैं।
10. फुली मेड इन इंडिया
सबसे महत्वपूर्ण बात – यह तोप पूरी तरह भारतीय इंजीनियरों, वैज्ञानिकों और कंपनियों द्वारा तैयार की गई है, जिससे यह ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ की मजबूत मिसाल बनती है।
सेना के लिए गेम चेंजर क्यों?
ATAGS न केवल एक लंबी दूरी तक फायर करने वाली तोप है, बल्कि यह युद्ध के समय तेजी से मोबिलाइज और फायर करने की क्षमता रखती है। यह दुश्मन के ठिकानों को पहले वार में खत्म कर सकती है और भारत की सर्जिकल स्ट्राइक क्षमता को कई गुना बढ़ा सकती है।
उत्तरी सीमाओं पर चीन और पश्चिमी सीमाओं पर पाकिस्तान से बढ़ते तनाव को देखते हुए ATAGS भारतीय सेना के लिए एक रणनीतिक हथियार साबित हो सकती है।
ATAGS भारत की सैन्य ताकत में ऐतिहासिक इजाफा है। यह सिर्फ एक तोप नहीं, बल्कि भारतीय रक्षा क्षेत्र की तकनीकी आत्मनिर्भरता की पहचान है। जब यह तोप सेना में पूरी तरह शामिल होगी, तब भारत के शत्रुओं
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