हरियाणा में वरिष्ठ पुलिस अधिकारी एडीजीपी वाई पूरण कुमार की आत्महत्या मामला जहां चर्चा में रहा तो अब मामलें में नया ट्विस्ट समाने आया है। अब पूरा मामला और उलझता जा रहा है। एक के बाद एक घटनाक्रमों ने इस केस को राजनीतिक और प्रशासनिक दोनों ही स्तर पर सनसनीखेज बना दिया है। बता दे की रोहतक के साइबर सेल के एएसआई संदीप लाठर की आत्महत्या का है, जिनकी मौत ने पूरे राज्य के पुलिस तंत्र को हिला कर रख दिया है। अब इस आत्महत्या में दिवंगत एडीजीपी पूरण कुमार की पत्नी, आईएएस अधिकारी अमनीत पी कुमार, उनके विधायक साले अमित रतन, और दो दूसरे लोगों पर मामला दर्ज किया गया है। यानि की एफआईआर दर्ज की गई है। यह रिपोर्ट संदीप की पत्नी संतोष ने लिखाई है। इसके पहले परिजनों ने बुधवार सुबह सांत्वना देने आए मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से कार्रवाई की मांग की थी।
जो जानकारी समाने आई है उसके मुताबिक करीबन शाम चार बजे सीएम के osd ने एफआईआर की कॉपी को लेकर परिजनों से मुलाकात की। हालांकि इस बीच परिजन कई मांगों पर अड़े रहे जिसमें संदीप को शहीद का दर्जा, पत्नी को नौकरी और इसके साथ ही आर्थिक मदद का लिखित आश्वासन चाहते हैं। अभी शव का पोस्टमार्टम कराने की भी परिजनों ने सहमति नहीं दी है। बता दे की इससे पहले बीते 7 अक्तूबर को चंडीगढ़ में एडीजीपी वाई पूरण कुमार ने अपने घर पर खुद को गोली मार ली थी।आठ दिन बाद, यानी मंगलवार को, एएसआई संदीप लाठर ने भी आत्महत्या की। अब दोनों घटनाओं के बीच सीधा संबंध जुड़ने से अब मामला बेहद संवेदनशील हो गया है। एडीजीपी पूरण कुमार के सुसाइड केस में पहले ही DGP शत्रुजीत कपूर, IG पंकज नैन, ADGP अमिताभ ढिल्लों, और अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के खिलाफ जातिगत उत्पीड़न और मानसिक प्रताड़ना के आरोपों में एफआईआर दर्ज हो चुकी है। अब एएसआई संदीप की आत्महत्या में उनके परिवार की ओर से अमनीत कुमार और उनके रिश्तेदारों के खिलाफ केस दर्ज होने के बाद यह मामला “दो आत्महत्याओं की जंग” में बदल गया है।