अखिल भारतीय रक्षा कर्मचारी महासंघ की ओर से मंगलवार को कर्मचारी संगठनों में 8वें वेतन आयोग के गठन और पुरानी पेंशन बहाली को लेकर सड़कों पर प्रददर्शन किया गया। सरकार की ओर से कहा गया है कि आयोग की सिफारिशें पहली जनवरी 2026 से लागू कर दी जाएंगी। ऐसे में कर्मचारी संगठनों को चिंता सताने लगी है कि अब केवल 70 दिन बचे हैं, इतने कम वक्त में आठवें वेतन आयोग की सिफारिशें किस तरह से लागू हो पाएंगी।
अखिल भारतीय रक्षा कर्मचारी महासंघ (AIDEF) ने 8वें केंद्रीय वेतन आयोग (CPC) की अधिसूचना में देरी के खिलाफ मंगलवार को अखिल भारतीय 'विरोध दिवस' आयोजित किया। देशभर की रक्षा इकाइयों में आठवें वेतन आयोग का गठन, पुरानी पेंशन' बहाली और रक्षा प्रतिष्ठानों में अनुकंपा नियुक्तियों से प्रतिबंध हटाना, इन मांगों को लेकर कर्मचारी, सड़कों पर उतरे।
AIDEF के महासचिव और स्टाफ साइड के JCM के वरिष्ठ सदस्य सी. श्रीकुमार ने कहा कि कर्मचारी, अखिल भारतीय विरोध दिवस मनाने पर मजबूर हैं। केंद्र सरकार, कर्मियों की बात नहीं सुन रही। केंद्र सरकार के कर्मचारी, पेंशनभोगी और राज्य सरकार के कर्मचारी, 8वें वेतन आयोग के गठन का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं, लेकिन भारत सरकार चुप है। इससे सरकारी कर्मियों में व्यापक असंतोष फैल रहा है।
कर्मचारियों ने तर्क दिया है कि जहां सांसदों और विधायकों को समय-समय पर वेतन संशोधन मिलता है, वहीं सरकारी कर्मचारी और पेंशनभोगी, बढ़ती मुद्रास्फीति और स्वास्थ्य सेवा एवं शिक्षा की बढ़ती लागत के बावजूद, एक दशक से भी अधिक समय से उचित संशोधन के बिना संघर्ष कर रहे हैं।
सरकार ने 16 जनवरी, 2025 को आठवें वेतन आयोग के गठन के अपने निर्णय की घोषणा की और राष्ट्रीय परिषद (JCM) के कर्मचारी पक्ष से संदर्भ की शर्तों (TOR) का मसौदा मांगा था। कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (DOPT) के साथ चर्चा के बावजूद, आठ महीने बाद भी कोई वेतन आयोग को लेकर अधिसूचना जारी नहीं की गई है।