हिमाचल प्रदेश में बरसात से दुश्वारियां लगातार जारी हैं। जगह-जगह भूस्खलन से राज्य में गुरुवार सुबह 10:00 बजे तक तीन नेशनल हाईवे सहित 577 सड़कें बंद रहीं। 812 बिजली ट्रांसफार्मर व 369 जल आपूर्ति योजनाएं भी बाधित हैं। कुल्लू जिले में सबसे अधिक 211, मंडी 154, शिमला 72, कांगड़ा 42, चंबा 30 व सिरमौर में 29 सड़कें बंद हैं। शिमला सहित कई अन्य भागों में रात से रुक-रुककर बारिश जारी है।
हिमाचल प्रदेश में बादल फटने की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। भारी बारिश, बाढ़ एवं भूस्खलन से हर साल तबाही हो रही है। पहाड़ों पर पिछले 30 वर्षों में अत्याधिक बारिश की घटनाओं में 200 फीसदी तक बढ़ोतरी हो गई है। इस मानसून सीजन में 20 जून से 10 सितंबर तक 380 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। 439 लोग घायल हुए हैं। 40 लोग अभी भी लापता हैं। इस दौरान 165 लोगों की सड़क हादसों में मौत हुई है। राज्य में 7,212 कच्चे-पक्के मकानों व दुकानों को क्षति हुई है। 5,612 गोशालाओं को भी नुकसान हुआ है। 1,999 पालतु पशुओं की भी मौत हुई है।
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार राज्य के कई भागों में 17 सितंबर तक बारिश का दौर जारी रहने का पूर्वानुमान है। 13 व 14 सितंबर को कुछ भागों में भारी बारिश होने का येलो अलर्ट जारी किया गया है। इसके बाद मंडी-कुल्लू राष्ट्रीय राजमार्ग पर वाहनों की आवाजाही करीब दो घंटे तक पूरी तरह बंद रही। घटना की गंभीरता को देखते हुए मौके पर तुरंत पुलिस और NHAI की टीमें पहुंचीं और स्थिति का जायजा लिया।
रात 9:00 बजे से लेकर सुबह 6:00 बजे तक इस मार्ग पर सुरक्षा कारणों से ट्रैफिक पूरी तरह बंद रखने के निर्देश दिए गए थे। 11 सितंबर की सुबह NHAI की ओर से तत्काल कार्रवाई करते हुए दो लोहे के पिलर फ्लाईओवर के क्षतिग्रस्त पिलर के पास मजबूती देने के लिए लगाए गए हैं। इनकी मदद से फिलहाल फ्लाईओवर को आंशिक रूप से सहारा मिल गया है। इसके बाद मंडी-कुल्लू मार्ग पर वाहनों की आवाजाही बहाल कर दी गई है।