{"_id":"68f087eeeb3fbd754c0b0204","slug":"india-will-not-buy-oil-from-russia-claims-trump-2025-10-16","type":"video","status":"publish","title_hn":"रूस से तेल नहीं खरीदेगा भारत, ट्रंप का दावा","category":{"title":"India News","title_hn":"देश","slug":"india-news"}}
रूस से तेल नहीं खरीदेगा भारत, ट्रंप का दावा
अमर उजाला डिजिटल डॉट कॉम Published by: आदर्श Updated Thu, 16 Oct 2025 11:21 AM IST
Link Copied
भारत और अमेरिका के बीच इस समय रूस से तेल खरीद को लेकर तनाव बढ़ता जा रहा है। इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा है कि भारत जल्द ही रूस से तेल की खरीद बंद कर देगा, और यह आश्वासन खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें व्यक्तिगत रूप से दिया है। ट्रंप ने इसे रूस पर आर्थिक दबाव बढ़ाने की अपनी रणनीति का हिस्सा बताया।
ओवल ऑफिस में पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए ट्रंप ने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी मेरे बहुत अच्छे मित्र हैं। हमारे बीच शानदार संबंध हैं। उन्होंने मुझे भरोसा दिलाया है कि भारत रूस से तेल नहीं खरीदेगा। यह बहुत बड़ा कदम होगा।”
ट्रंप ने आगे कहा कि अगर भारत यह फैसला लेता है, तो अगला कदम चीन की ओर होगा “अब हमें चीन से भी यही करने के लिए कहना होगा।”
ट्रंप ने इस दौरान भारत में अमेरिकी राजदूत सर्जियो गोर और प्रधानमंत्री मोदी की हालिया बैठक का जिक्र भी किया। उन्होंने कहा, “मुझे सर्जियो ने बताया कि मोदी मुझे पसंद करते हैं। मैं भारत को वर्षों से देख रहा हूं। पहले हर कुछ महीनों या वर्षों में नया नेता आता था, लेकिन अब मेरा मित्र लंबे समय से सत्ता में है।”
ट्रंप ने यह भी कहा कि भारत में बदलाव धीरे-धीरे लागू होंगे लेकिन आने वाले समय में इसका असर स्पष्ट दिखेगा। उन्होंने इसे रूस को “अंतरराष्ट्रीय रूप से अलग-थलग करने की दिशा में एक बड़ा कदम” बताया।
हालांकि, ट्रंप के दावे की भारत की ओर से कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। वाशिंगटन स्थित भारतीय दूतावास ने इस पर तुरंत कोई टिप्पणी नहीं की है। विदेश मंत्रालय की ओर से भी अब तक कोई बयान जारी नहीं हुआ है।
भारत सरकार पहले भी कह चुकी है कि वह अपनी ऊर्जा नीति राष्ट्रीय हित को ध्यान में रखकर तय करती है, और उसका रुख हमेशा “ऊर्जा सुरक्षा पहले” पर आधारित रहा है।
अगर भारत टैरिफ या राजनीतिक दबाव के कारण रूस से तेल खरीद बंद कर देता है, तो इसका सीधा असर देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा। एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत का आयात बिल लगभग 9 से 12 अरब डॉलर तक बढ़ सकता है। दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक देश होने के नाते भारत की रिफाइनिंग क्षमता करीब 52 लाख बैरल प्रतिदिन है।
2025-26 के शेष वित्त वर्ष में रूसी तेल की खरीद बंद करने पर आयात बिल में 9 अरब डॉलर की बढ़ोतरी होगी, जबकि 2026-27 तक यह 11.7 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है।
अगर रूसी तेल आपूर्ति बाधित होती है, तो भारत मध्य पूर्वी देशों की ओर लौट सकता है। सऊदी अरब, इराक और यूएई जैसे देशों के साथ भारत के पहले से लचीले अनुबंध मौजूद हैं। इन समझौतों के जरिए भारत कुछ हद तक आपूर्ति की भरपाई कर सकता है।
हालांकि, रूस से मिलने वाले भारी रियायती क्रूड की जगह कोई दूसरा स्रोत नहीं ले सकता। इससे भारत में पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ने की आशंका है और इसका असर आम उपभोक्ता से लेकर उद्योगों तक पर पड़ सकता है।
यूक्रेन युद्ध के बाद 2022 से भारत ने रूस से भारी छूट पर तेल खरीदना शुरू किया था। 2024-25 में रूस भारत का सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता बन गया।
भारत के कुल क्रूड आयात में रूस की हिस्सेदारी 35.1 फीसदी तक पहुंच गई, जबकि 2019-20 में यह सिर्फ 1.7 फीसदी थी। 2024-25 में भारत ने कुल 24.5 करोड़ मीट्रिक टन कच्चे तेल का आयात किया, जिसमें 8.8 करोड़ मीट्रिक टन रूस से आया।
अगर भारत वास्तव में रूस से तेल की खरीद रोकता है, तो यह केवल आर्थिक नहीं बल्कि भूराजनीतिक बदलाव भी होगा। भारत अब तक रूस और पश्चिम दोनों के साथ संतुलन बनाए रखता आया है। ट्रंप का यह बयान उस संतुलन को चुनौती देता है। अभी तक भारतीय सरकार ने चुप्पी साध रखी है, लेकिन कूटनीतिक गलियारों में यह सवाल गूंज रहा है क्या भारत अमेरिकी दबाव में झुकेगा, या फिर ऊर्जा सुरक्षा के लिए अपनी स्वतंत्र नीति पर कायम रहेगा?
एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें
Next Article
Disclaimer
हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।