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Iran Israel Conflict: Russian oil did not come from Hormuz Strait, then what will be the effect? | Amar Ujal
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Iran Israel Conflict: Hormuz Strait से नहीं आया रूस का तेल, फिर क्या होगा असर? | Amar Ujala
अमर उजाला, नोएडा Published by: तन्मय बरनवाल Updated Mon, 23 Jun 2025 05:09 PM IST
मिडिल ईस्ट के तनाव के बीच अमेरिकी हमले के विरोध में ईरान की संसद ने होर्मुज जल डमरू मध्य को बंद करने को मंजूरी दे दी है। हालांकि अंतिम निर्णय के लिए शीर्ष सुरक्षा निकाय की मंजूरी जरूरी होगी। फारस की खाड़ी को अरब सागर से जोड़ने वाले इस संकरे मार्ग से दुनिया में तेल का बड़ा कारोबार होता है। अगर यह बंद हुआ, तो पूरी दुनिया में तेल के भाव बढ़ जाएंगे। और तेल को लेकर संकट भी समाने आएंगे खैर अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने चीन से आग्रह किया कि वह ईरान को इस मार्ग को बंद करने से रोके। ऐसे में भारत की चर्चा तेज है भारत के पास कितना तेल भंडार है जिससे अगर ये रास्ता बंद होता भी है तो इसका कितना असर देखने को मिलेगा चलिए बताते है
भले ही ये कदम उठाया जा रहा हो लेकिन खबरों की माने तो भारत के पास कई हफ्तों तक अपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त तेल है। पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि भारत कई मार्गों से ऊर्जा आपूर्ति प्राप्त कर रहा है। बता दें कि भारत विश्व का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक और चौथा सबसे बड़ा गैस खरीदार है। पुरी ने कहा, 'सरकार दो हफ्तों से पश्चिम एशिया के हालात पर बारीक नजर रखे हुए है। पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हम पिछले कुछ वर्षों में अपनी आपूर्ति में विविधता लाए हैं। अब हमारी अधिकांश आपूर्ति होर्मुज जलडमरूमध्य से नहीं आती। भारत के कुल 55 लाख बैरल प्रति दिन (बीपीडी) तेल आयात में से लगभग 20 लाख बीपीडी ही इस संकरे जलमार्ग से होकर आता है। हालांकि, भारत ने बीते कुछ साल में रूस, अमेरिका व ब्राजील जैसे अलग-अलग देशों से तेल आपूर्ति सुनिश्चित की है।' रूस से आने वाला तेल होर्मुज मार्ग से नहीं आता है। यह स्वेज नहर, केप ऑफ गुड होप या प्रशांत महासागर के रास्ते आता है। अमेरिका, प. अफ्रीका व लैटिन अमेरिका से आपूर्ति, हालांकि महंगी है, पर तेजी से व्यवहार्य विकल्प बन रही है। पुरी ने कहा कि हम अपनी ईंधन आपूर्ति की स्थिरता के लिए आवश्यक कदम उठाएंगे।
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