जेएनयूएसयू अध्यक्ष नीतीश कुमार ने बताया, " जब जेएनयूएसयू चुनावों को लेकर जीबीएम शुरू हुई, तो काउंसलर रजत को एबीवीपी के गुंडों ने पीटा। हमने यह सुनिश्चित करने के लिए विरोध किया कि चीजें शांतिपूर्वक चलें। लेकिन ऐसा नहीं हुआ और हमने सुबह 6 बजे बैठक स्थगित कर दी। जैसे ही हम बाहर निकले, एबीवीपी के गुंडों ने हमें 2 घंटे तक बंधक बनाए रखा और हम पर जातिवादी गालियां दीं...हमने दिल्ली पुलिस को फोन किया। एसएचओ बलबीर सिंह वहां पहुंचे, लेकिन उन्होंने हस्तक्षेप नहीं किया। हमें पीटा गया। मुझे भी पीटा गया, मेरा कुर्ता फाड़ दिया गया। हमने विरोध किया और किसी तरह बाहर आ गए। हमने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, लेकिन कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई। इसलिए, हम एफआईआर की मांग को लेकर वसंत कुंज थाने की ओर मार्च कर रहे थे, लेकिन पुलिस ने बैरिकेड्स लगा दिए और हमें रोक दिया। पुलिस ने छात्रों को पीटा। मेरे कपड़े फाड़ दिए गए, मेरा मोबाइल फोन चोरी हो गया और मेरी चप्पलें टूट गईं
इससे पहले शाम को 70-80 छात्र जेएनयू के पश्चिमी द्वार पर जमा हो गए थे। नेल्सन मंडेला मार्ग की ओर उनकी आवाजाही रोकने के लिए पुलिस बैरिकेड्स लगा दिए गए थे। पुलिस का कहना है कि बार-बार अनुरोध के बावजूद, छात्रों ने बलपूर्वक बैरिकेड्स तोड़ दिए, पुलिसकर्मियों के साथ हाथापाई की, अभद्र भाषा का प्रयोग किया और नेल्सन मंडेला मार्ग पर आ गए, जिससे यातायात अस्थायी रूप से बाधित हो गया। अध्यक्ष नितेश कुमार, उपाध्यक्ष मनीषा और महासचिव मुंतिया फातिमा समेत 28 छात्रों को हिरासत में लिया गया। छह पुलिसकर्मी घायल हुए हैं।
जेएनयूएसयू अध्यक्ष नीतीश कुमार, उपाध्यक्ष मनीषा और महासचिव मुंतेहा फातिमा समेत 28 छात्रों को आज शाम पुलिस के साथ हुई झड़प के बाद हिरासत में लेकर कापसहेड़ा पुलिस स्टेशन लाया गया।इससे पहले शाम को, 70-80 छात्र जेएनयू के पश्चिमी द्वार पर जमा हो गए थे। नेल्सन मंडेला मार्ग की ओर उनकी आवाजाही रोकने के लिए पुलिस बैरिकेड्स लगा दिए गए थे।