राज्यसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान सदन के नेता जेपी नड्डा और विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे के बीच तीखी नोकझोक हुई। दरअसल, खरगे के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर कही गईं बातों पर नड्डा ने आपत्ति जताई और कुछ ऐसा बोल गए कि विपक्ष ने हंगामा कर दिया। इसके बाद नड्डा ने अपने शब्द वापस ले लिए और कहा कि मेरे शब्द को भावावेश कर दिया जाए। अगर मेरी बात से किसी का दिल दुखा तो मैं माफी मांगता हूं, लेकिन खरगे जी जैसे वरिष्ठ नेता ने देश के प्रधानमंत्री के लिए जैसी बातों का इस्तेमाल किया है, वी ठीक नहीं है।
दरअसल, राज्यसभा में खरगे के बयान पर कुछ आपत्तियों के साथ जेपी नड्डा ने बोलना शुरू किया। नड्डा ने कहा कि विपक्ष के नेता ने लंबा वक्तव्य दिया, लेकिन उनके कद के हिसाब से जिन शब्दों का इस्तेमाल किया गया, वो उनके स्तर के नहीं थे। जिस तरह से उन्होंने प्रधानमंत्री पर टिप्पणी की। मैं उनकी तकलीफ समझ सकता हूं कि प्रधानमंत्री ने उन्हें 11 साल से विपक्ष में बिठाए रखा है। प्रधानमंत्री दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेता हैं। ये हमारे लिए भी और देश के लिए भी गौरव का विषय है। लेकिन आपकी चिंता पार्टी के लिए इतनी है कि उसमें देश का विषय भी गौण हो जाता है। आप भावावेश में आकर ऐसी टिप्पणियां करते हैं।
इसके बाद सदन में हंगामा हो गया और कांग्रेस सांसदों ने असंसदीय शब्द पर कड़ी आपत्ति जताई। इस पर नड्डा ने ये शब्द कार्यवाही से हटाने की अपील की। इससे कुछ देर सदन की कार्यवाही थोड़ी देर के लिए बाधित हुई। खरगे ने बयान को लेकर नड्डा से माफी की मांग की। इस पर नड्डा ने कहा कि आपको अगर ठेस पहुंची तो मैं माफी मांगता हूं, लेकिन आप भी भावावेश में इतना बह गए कि प्रधानमंत्री की गरिमा का भी ध्यान नहीं रख पाए।