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Manish Tewari on SIR: Raised questions on EVM code, called SIR against the Constitution.
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Manish Tewari on SIR: EVM के कोड पर उठाया सवाल, SIR को संविधान के खिलाफ बताया।
वीडियो डेस्क, अमर उजाला डॉट कॉम Published by: अभिलाषा पाठक Updated Tue, 09 Dec 2025 03:15 PM IST
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लोकसभा में चुनाव सुधार पर चर्चा की शुरुआत कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने की। मनीष तिवारी ने कहा कि देश में निष्पक्ष चुनाव कराए जाने समय की मांग हैं। उन्होंने संविधान के तहत चुनाव आयोग को मिले अधिकारों का जिक्र करके हुए कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की सरकार के कार्यकाल में सबसे बड़े चुनावी सुधार हुए। मनीष तिवारी ने कहा, चुनाव आयोग को पूरे राज्यों में एसआईआर नहीं कराए जा सकते। उन्होंने कहा कि 1988 में कांग्रेस सरकार ने इतिहास का सबसे बड़ा सुधार कराया। उन्होंने आरोप लगाया कि आज चुनाव आयोग केंद्र के निर्देश पर काम कर रहा है। ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े करते हुए तिवारी ने कहा कि इन मशीनों का सोर्स कोड किसी और कंपनी के पास होना चिंताजनक है।
कांग्रेस सांसद ने कहा, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेतृत्व में जब स्वाधीनता संग्राम लड़ा गया, तो उसके दो बुनियादी लक्ष्य थे। सबसे पहला लक्ष्य था कि भारत को आजाद करवाया जाए और दूसरा भारत को एक लोकतांत्रिक देश के रूप में परिवर्तित करके लोगों की जो आशाएं हैं, उनके अनुरूप उन्हें सरकार बनाने का मौका दिया जाए। उन्होंने कहा, जो संविधान के निर्माता थे, उन्होंने राष्ट्रनिर्माण में उस उर्जा को समर्पित किया, तो संविधान की प्रस्तावना में उन्होंने दो अहम बातें कहीं। सबसे पहले जो संविधान निर्माताओं ने भारत के संविधान की प्रस्तावना में यह सुनिश्चित किया कि भारत एक संप्रभु और लोकतांत्रिक गणराज्य के तौर पर गठित किया जाएगा और जब संविधान का 42वां संशोधन हुआ तो उस प्रस्तावना में दो और शब्द जोड़े गए- समाजवाद और पंथनिरपेक्षता। उस स्वरूप में आज 2025 में गणतंत्र है।
भारत के लोकतंत्र में दो सबसे बड़े भागीदार हैं। एक 98 करोड़ आवाम (जनता) जो मतदान करती है और दूसरा भारत के राजनीतिक दल, जो विशेष तौर पर उस चुनाव में हिस्सा लेते हैं। संविधान के निर्माताओं ने यह सुनिश्चित किया कि 1946 से लेकर 1949 तक कि धर्म, जाति, मजहब, फिरका सबसे ऊपर उठकर हर भारत को नागरिक को जो 21 साल की उम्र से ज्यादा है, उसे मतदान का हक दिया जाए। यह उस समय हुआ, जब बहुत सारे ऐसे देश थे, जहां पर मतदान का हक एक बहुत ही संकीर्ण तौर दिया जाता था। तिवारी ने आगे कहा, आज मुझे कहने में कोई संकोच नहीं है कि पिछले 78 साल में अगर सबसे बड़ा कोई चुनाव सुधार हुआ वह भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी जी ने किया।
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