सहारनपुर जिले के देवबंद से लगभग आठ किलोमीटर दूर मंगलौर रोड पर काली नदी के तट पर स्थित मिरगपुर गांव भारत का एक अनोखा और विख्यात गांव है। यह गांव नशामुक्ति और सात्विक जीवनशैली के लिए न केवल देशभर में बल्कि विश्वभर में जानी जाती है। इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में 2020 में दर्ज होने के बाद एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में भी इसका नाम शामिल हो गया है।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और आध्यात्मिक आधार
मिरगपुर की अनूठी परंपरा का श्रेय बाबा गुरु फकीरा दास को दिया जाता है, जो पंजाब के संगरूर जिले से थे। लगभग 500 साल पहले 17वीं शताब्दी में ये सिद्ध संत मुगल शासनकाल में इस गांव में आए थे। उन्होंने गांव के लोगों से कहा था कि यदि वे नशा और तामसिक पदार्थों का परित्याग कर दें तो गांव सुखी और समृद्धशाली बन जाएगा। उनका प्रसिद्ध दोहा था- ‘गंठा, लसन तम्बाकू जोई। मदिरा, मांस तजे शिष्य सोई। साढ़ा धर्म रहेगा जब तक। मिरगपुर सुख पावेगा तब तक।’ आज भी गांव के लोग इस पवित्र वचन का कठोरता से पालन करते हैं।
विशिष्ट रहन-सहन और खानपान
मिरगपुर की सबसे खास बात यह है कि यहां के लगभग 10,000 लोगों की आबादी में कोई भी व्यक्ति शराब, सिगरेट, तंबाकू, बीड़ी जैसे नशीले पदार्थों का सेवन नहीं करता। न केवल यह, बल्कि गांव के लोग प्याज, लहसुन, अंडा, मांस, मछली समेत 32 से अधिक तामसिक पदार्थों से परहेज रखते हैं। यह परंपरा विशेषकर गुर्जर समुदाय के लोगों के लिए बाध्यकारी है, जो गांव की आबादी का मुख्य हिस्सा हैं।
गांव में कोई भी दुकान पर नशे का सामान नहीं मिलता। गांव की यह पवित्रता इतनी व्यापक है कि अगर किसी की शादी किसी अन्य गांव में होती है, तब भी वहां उन्हें लहसुन-प्याज का खाना नहीं खिलाया जाता। प्रत्येक वर्ष बाबा फकीरा दास की समाधि पर विशाल मेला लगता है, जहां गांव के हर घर में उत्सव मनाया जाता है।
मिरगपुर को इसकी असाधारण उपलब्धि के लिए राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर मान्यता मिली है। 2020 में इसे इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में ‘वर्चुअस विलेज’ (पवित्र गांव) के रूप में दर्ज किया गया। इसके बाद 2022 में एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में भी इसका नाम शामिल हो गया। कई बार विधानसभा और लोकसभा में इस गांव को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की मांग उठाई जा चुकी है।
मिरगपुर केवल एक साधारण गांव नहीं है, बल्कि यह सात्विकता, आध्यात्मिकता और सामूहिक अनुशासन का एक अद्भुत उदाहरण है जो सदियों से अपनी परंपराओं को निभाते हुए भारत का गौरव बढ़ाता है।