Hindi News
›
Video
›
India News
›
Owaisi on Babri Masjid Demolition: Owaisi spewed venom in Hyderabad over Babri Masjid demolition, raising seve
{"_id":"6934072b8dcb1ec7d20723f2","slug":"owaisi-on-babri-masjid-demolition-owaisi-spewed-venom-in-hyderabad-over-babri-masjid-demolition-raising-seve-2025-12-06","type":"video","status":"publish","title_hn":"Owaisi ON Babri Masjid Demolition:बाबरी विध्वंस पर ओवैसी ने हैदराबाद में उगला जहर, दागे कई सवाल","category":{"title":"India News","title_hn":"देश","slug":"india-news"}}
Owaisi ON Babri Masjid Demolition:बाबरी विध्वंस पर ओवैसी ने हैदराबाद में उगला जहर, दागे कई सवाल
वीडियो डेस्क, अमर उजाला डॉट कॉम Published by: भास्कर तिवारी Updated Sat, 06 Dec 2025 04:06 PM IST
Link Copied
एआईएमआईएम (AIMIM) के प्रमुख और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने बाबरी मस्जिद विध्वंस के संबंध में हैदराबाद और अन्य मंचों से लगातार बयान दिए हैं, जिनमें उन्होंने इस घटना को भारतीय लोकतंत्र के लिए काला दिन और अन्याय का प्रतीक बताया है। विध्वंस की बरसी पर दिए गए उनके प्रमुख बयानों में यह बात शामिल है कि वह और उनकी पीढ़ी बाबरी मस्जिद की 'शहादत' को कभी नहीं भूलेंगे और आने वाली पीढ़ियों को भी इसे याद रखने के लिए सिखाएंगे।
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, "आज 6 दिसंबर है। आप और मैं जानते हैं कि 6 दिसंबर 1992 को क्या हुआ था वहां बाबरी मस्जिद को शहीद कर दिया गया था। पुलिस की मौजूदगी में बाबरी मस्जिद गिराई गई थी.इंसाफ की बात की जाती है और वहां हजारों की तादाद में लोगों ने मस्जित को शहीद कर दिया लेकिन कोर्ट ने फैसला दिया कि हम किसी को मुजरिम करार नहीं दे सकते हैं
ओवैसी ने संघ परिवार पर हमला करते हुए कहा है कि सुप्रीम कोर्ट से वादा करने के बावजूद उनके लोगों ने 550 साल पुरानी मस्जिद को शहीद कर दिया। उन्होंने यह भी जोर दिया है कि उनकी लड़ाई केवल जमीन या मस्जिद के लिए नहीं थी, बल्कि इंसाफ (न्याय) के लिए थी। सीबीआई कोर्ट द्वारा बाबरी विध्वंस मामले में सभी आरोपियों को बरी किए जाने के फैसले पर भी उन्होंने हैदराबाद में कड़ी नाराजगी व्यक्त की थी, सवाल उठाते हुए कहा था कि क्या मस्जिद जादू से गिर गई थी, और इसे नाइंसाफी करार दिया था, जो सुप्रीम कोर्ट के इस अवलोकन का खंडन करता है कि विध्वंस कानून के शासन का घोर उल्लंघन था। इसके अलावा, उन्होंने कांग्रेस पार्टी को भी इस पूरे मामले में बराबर का साझीदार बताया है, विशेष रूप से पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के कार्यकाल के दौरान मस्जिद के ताले खोले जाने के संदर्भ में, और इसे ऐतिहासिक तथ्य बताया है। कुल मिलाकर, ओवैसी के बयानों का मूल संदेश यही रहा है कि बाबरी विध्वंस एक बड़ा अन्याय था जिसे भुलाया नहीं जाना चाहिए, और वे इसे लगातार उठाते रहेंगे।
अयोध्या में बाबरी मस्जिद विध्वंस की घटना 6 दिसंबर 1992 को हुई थी। यह एक विवादास्पद ढांचा था जिसे राम जन्मभूमि माने जाने वाले स्थान पर स्थित बताया जाता था। यह घटना कई दशकों से चले आ रहे कानूनी और धार्मिक राम मंदिर आंदोलन के दौरान हुई थी। 5 दिसंबर 1992 को ही कारसेवकों की भारी भीड़ मस्जिद के आसपास जमा हो गई थी, और अगले दिन, 6 दिसंबर 1992 को, कारसेवकों ने विवादित ढांचे को ध्वस्त कर दिया।
इस घटना के बाद देशभर में सांप्रदायिक दंगे फैल गए, जिनमें देश की आर्थिक राजधानी मुंबई सबसे अधिक प्रभावित हुई, जहां 1992 और जनवरी 1993 में हुए दंगों में 900 से अधिक लोगों की जान चली गई और दो हज़ार लोग घायल हुए। इस घटना का असर पड़ोसी देश पाकिस्तान में भी देखा गया, जहाँ 8 दिसंबर 1992 को भीड़ ने कई हिंदू मंदिरों पर हमला किया और लाहौर में एक प्राचीन जैन मंदिर को ध्वस्त कर दिया गया। विध्वंस की जांच के लिए लिब्रहान आयोग का गठन किया गया था। इस आयोग की रिपोर्ट में भारत सरकार के उच्च पदस्थ अधिकारियों और हिंदू राष्ट्रवादियों को विध्वंस के लिए दोषी ठहराया गया था।
सुप्रीम कोर्ट के 2019 के फैसले के बाद, अब उसी स्थान पर भव्य राम मंदिर बनकर तैयार हो चुका है। विध्वंस की बरसी पर आज भी कई जगहों पर सुरक्षा कड़ी रखी जाती है। कुछ समूह इस दिन को 'शौर्य दिवस' के रूप में मनाते हैं, जबकि अन्य इसे 'कलंक' का दिन मानते हैं।
एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें
Next Article
Disclaimer
हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।