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Pakistan Set for 27th Amendment: Asim Munir may soon become CDS, why is Pakistan copying India?
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Pakistan Set for 27th Amendment: असीम मुनीर जल्द ही CDS बन सकते हैं,भारत की नकल क्यों कर रहा पाक?
वीडियो डेस्क, अमर उजाला डॉट कॉम Published by: अभिलाषा पाठक Updated Sun, 09 Nov 2025 11:38 AM IST
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पाकिस्तान में शहबाज शरीफ की सरकार भारत के ऑपरेशन सिंदूर से सबक लेते हुए सांविधानिक बदलाव की तैयारी में है, जिसमें सेना प्रमुख असीम मुनीर को चीफ ऑफ डिफेंस फोर्सेज (सीडीएफ) बनाने की योजना है, इससे उनकी शक्तियां सांविधानिक रूप से बढ़ जाएंगी। 27वें संविधान संशोधन विधेयक के तहत संविधान के अनुच्छेद 243 में बदलाव का प्रस्ताव है, जो सशस्त्र बलों से संबंधित है। पाकिस्तान सरकार का दावा है कि यह बदलाव देश की रक्षा आवश्यकताओं और सैन्य कमान-संरचना को आधुनिक बनाने के लिए किया जा रहा है। सरकार ने संसद में यह संशोधन विधेयक पेश कर दिया है। कानून मंत्री आजम नजीर तारड़ ने यह विधेयक संसद के उच्च सदन सीनेट में पेश किया। उन्होंने बताया कि प्रस्ताव में कुल 49 धाराएं हैं और यह पांच प्रमुख विषयों को संबोधित करता है। सीनेट अध्यक्ष यूसुफ रजा गिलानी ने विधेयक को कानून व न्याय समितियों को समीक्षा के लिए भेज दिया।पाकिस्तान ने सीडीएफ का जो मसौदा पेश किया है, वह भारत के चीफ डिफेंस ऑफ आर्मी स्टाफ (सीडीएस) के प्रारूप की चोरी की है। पाकिस्तान अपने देश के संविधान में अनुच्छेद 243 संशोधन का प्रस्ताव पेश किया है। प्रस्ताव में कहा गया है कि अब आर्मी के चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ को ‘चीफ ऑफ डिफेंस फोर्सेज’ (सीडीएफ) एक और उपाधि मिलेगी। इसका मतलब यह था कि तीनों सेनाओं का सर्वोच्च नियंत्रण अब एक ही पद पर केंद्रित होगा।
संशोधन के अन्य बिंदुओं में फील्ड मार्शल की पदवी को जीवनभर कायम रखे जाने का प्रस्ताव है। यानि फील्ड मार्शल अपनी वर्दी हमेशा पहन सकेगा और उसे केवल महाभियोग के जरिये ही हटाया जा सकेगा। सरकार उसके कर्तव्यों और अधिकारों को परिभाषित करेगी और कानूनी प्रतिरक्षा प्राप्त होगी। वहीं, विपक्षी दल पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के नेता अली जफर ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा कि विपक्ष को विधेयक का मसौदा उसी दिन मिला है और उसे पढ़ने का अवसर भी नहीं मिला। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार इसे जल्दबाजी में पारित करना चाहती है।27वां संविधान संशोधन क्यों लाना चाहती है सरकार? तीन नवंबर को बिलावल भुट्टो ने सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट में कहा था कि प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ ने पीएमएल-एन के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ उनसे मुलाक़ात की और इस बैठक में 27वें संविधान संशोधन पर चर्चा हुई. उनके अनुसार शरीफ़ ने इन प्रस्तावों के लिए पीपीपी का समर्थन मांगा था.अपने पोस्ट में बिलावल भुट्टो ने संविधान संशोधन प्रस्ताव में जिन मामलों में बदलाव की बात की गई थी उसके बारे में जानकारी दी.
उन्होंने लिखा था कि संवैधानिक न्यायालय की स्थापना, मजिस्ट्रेटों की बहाली, उनके ट्रांसफ़र, एनएफ़सी फ़ॉर्मूले में बदलाव, अनुच्छेद 243 में संशोधन, शिक्षा और जनसंख्या नियोजन से जुड़ी शक्तियों को संघ को वापस करने और चुनाव आयोग की नियुक्तियों में गतिरोध को ख़त्म करना शामिल है.कानून मंत्री आजम नजीर तरार ने सीनेट में बिल पेश किया, जिसे कुछ ही देर में मंजूरी मिल गई। तरार ने कहा कि विधेयक में 49 खंड हैं। सीनेट अध्यक्ष यूसुफ रजा गिलानी ने बिल को कानून एवं न्याय के लिए स्थायी समिति के पास अतिरिक्त अध्ययन के लिए भेज दिया। वहीं इमरान खान के नेतृत्व वाले विपक्षी दल पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ (पीटीआइ) इस बिल को दी गई मंजूरी का विरोध किया। पीटीआइ ने कहा कि इस पर जरा भी चर्चा नहीं की गई और सांसदों को इसे पढ़ने का भी मौका नहीं दिया गया।
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