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What did Khesari say after getting angry at the words of Pawan Singh and Nirahua?
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पवन सिंह और निरहुआ की बातों पर भड़के खेसारी ने क्या कहा?
अमर उजाला डिजिटल डॉट कॉम Published by: आदर्श Updated Sat, 08 Nov 2025 04:50 PM IST
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बिहार विधानसभा चुनाव में छपरा सीट का मुकाबला अब और भी दिलचस्प और तीखा हो गया है। भोजपुरी सुपरस्टार और राजद प्रत्याशी खेसारी लाल यादव ने अपने एक बयान से सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है। खेसारी ने कहा है कि आने वाले चार दिनों में वह चुनाव प्रचार की ऐसी रफ्तार देंगे कि “सबको पागल कर देंगे।” उनके इस बयान के बाद राजनीतिक मंचों से लेकर भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री तक चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है कि खेसारी आने वाले दिनों में कौन सा बड़ा दांव खेलने जा रहे हैं।
तेज प्रताप यादव द्वारा किए गए कथनों पर खेसारी ने बिना टकराव के जवाब दिया और कहा, “बड़े भाई हैं, उनका सम्मान करता हूं। वह क्या बोलते हैं, इस पर मुझे कोई प्रतिक्रिया देने की जरूरत नहीं।” जबकि दूसरी ओर पवन सिंह और निरहुआ जैसे भोजपुरी सितारे लगातार खेसारी पर निशाना साध रहे हैं, जिसमें शिक्षा और उपलब्धियों को लेकर बयान शामिल हैं। इस पर खेसारी ने स्पष्ट कहा कि वह एक गरीब परिवार से आते हैं, इसलिए उन्हें आगे बढ़ने में वक्त लगा। उन्होंने कहा, “मैं गरीब का बेटा हूं, मेरे पास ग्रेजुएशन करने की औकात नहीं थी। जो अमीर के बेटा थे वो पीएचडी भी कर सकते थे। लेकिन आज जनता मेरे साथ है।”
खेसारी ने यह भी कहा कि एनडीए के नेता उन्हें उकसाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन वह “संस्कार” नहीं छोड़ेंगे। “यह लोग रे-तु पर आ गए हैं, लेकिन मैं संस्कारी मां-बाप का बेटा हूं, मैं इस तरह की भाषा कभी नहीं बोलूंगा,” खेसारी ने तीखी टिप्पणी करते हुए कहा।
बात सिर्फ व्यक्तिगत हमलों की नहीं, खेसारी ने रोजगार, बेरोजगारी और शिक्षा के मुद्दे पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “20 साल के नौजवान शिक्षा से दूर हो गए हैं। 20 साल से सत्ता में बैठे लोग क्या कर रहे थे? बच्चे नौकरी की उम्मीद में निराश हो रहे हैं और सरकार मंदिर-मस्जिद की राजनीति में उलझी है।”
खेसारी ने धार्मिक आस्था पर बात करते हुए कहा कि वह खुद राम पर गाना गा चुके हैं और धार्मिक संस्कृति का सम्मान करते हैं, लेकिन सिर्फ धर्म पर राजनीति करना जनता की जिंदगी से खिलवाड़ है।
छपरा का चुनाव अब सिर्फ स्टारडम का खेल नहीं, बल्कि बयानों, आरोपों और जनता के मुद्दों की सबसे बड़ी परीक्षा बन चुका है। आने वाले चार दिन इस राजनीतिक वातावरण का असली ताप दिखाने वाले हैं।
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