Hindi News
›
Video
›
India News
›
Vande Mataram 150th Anniversary: Know how the journey of Vande Mataram's 150th anniversary has been so far.
{"_id":"690d3407d04c5a726503e01b","slug":"vande-mataram-150th-anniversary-know-how-the-journey-of-vande-mataram-s-150th-anniversary-has-been-so-far-2025-11-07","type":"video","status":"publish","title_hn":"Vande Mataram 150th Anniversary: वंदे मातरम की 150वीं वर्षगांठ जानिए कैसा रहा पूरा अब तक का सफर","category":{"title":"India News","title_hn":"देश","slug":"india-news"}}
Vande Mataram 150th Anniversary: वंदे मातरम की 150वीं वर्षगांठ जानिए कैसा रहा पूरा अब तक का सफर
वीडियो डेस्क, अमर उजाला डॉट कॉम Published by: भास्कर तिवारी Updated Fri, 07 Nov 2025 06:45 AM IST
7 नवंबर 2025 को भारत के राष्ट्रीय गीत 'वंदे मातरम्' की रचना के 150 वर्ष पूरे हो रहे हैं, जो देश के लिए एक अत्यंत गौरवपूर्ण और ऐतिहासिक अवसर है। इस अमर गीत की रचना महान साहित्यकार और स्वतंत्रता सेनानी बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय ने 7 नवंबर 1875 को की थी, जिसने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में करोड़ों भारतीयों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनकर राष्ट्रीय चेतना को जगाया। इसी ऐतिहासिक पड़ाव का उत्सव मनाने के लिए, भारत सरकार का संस्कृति मंत्रालय 7 नवंबर 2025 से 7 नवंबर 2026 तक चलने वाले एक वर्षव्यापी राष्ट्रव्यापी समारोह का शुभारंभ कर रहा है।
इस भव्य उत्सव का उद्घाटन समारोह 7 नवंबर 2025 को नई दिल्ली के इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में आयोजित किया जा रहा है, जिसमें प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी मुख्य अतिथि होंगे। इस अवसर पर प्रधानमंत्री स्मारक डाक टिकट और सिक्का भी जारी करेंगे। उत्सव का मुख्य आकर्षण 7 नवंबर 2025 को सुबह 10:00 बजे देशभर में होने वाला 'वंदे मातरम्' का सामूहिक गान होगा, जिसमें विद्यार्थी, शिक्षक, सरकारी कर्मचारी, पुलिसकर्मी और आम नागरिक बढ़-चढ़कर हिस्सा लेंगे। यह वर्षभर चलने वाला राष्ट्रव्यापी अभियान चार चरणों में आयोजित किया जाएगा, जिसका उद्देश्य नई पीढ़ी को इस गीत के ऐतिहासिक महत्व, स्वतंत्रता संग्राम में इसकी भूमिका और भारत की सांस्कृतिक जड़ों से जोड़ना है। सामूहिक गायन के अलावा, देशभर में सांस्कृतिक कार्यक्रम, प्रदर्शनियाँ, स्कूलों में प्रतियोगिताएं और प्रभात फेरियां भी आयोजित की जाएंगी ताकि यह उत्सव जन-जन की जनभागीदारी से एक महाअभियान बन सके।
इस अमर गीत की रचना महान साहित्यकार और स्वतंत्रता सेनानी बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय ने 7 नवंबर 1875 को की थी, जिसने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में करोड़ों भारतीयों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनकर राष्ट्रीय चेतना को जगाया। इसी ऐतिहासिक पड़ाव का उत्सव मनाने के लिए, भारत सरकार का संस्कृति मंत्रालय 7 नवंबर 2025 से 7 नवंबर 2026 तक चलने वाले एक वर्षव्यापी राष्ट्रव्यापी समारोह का शुभारंभ कर रहा है।
एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें
Next Article
Disclaimer
हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।