{"_id":"685926e816dec4d29e07d137","slug":"problem-before-take-off-how-did-the-pilot-avoid-the-accident-2025-06-23","type":"video","status":"publish","title_hn":"टेक ऑफ से पहले गड़बड़ी, पायलट ने कैसे टाला हादसा?","category":{"title":"India News","title_hn":"देश","slug":"india-news"}}
टेक ऑफ से पहले गड़बड़ी, पायलट ने कैसे टाला हादसा?
वीडियो डेस्क अमर उजाला डॉट कॉम Published by: आदर्श Updated Mon, 23 Jun 2025 03:35 PM IST
देश के नागरिक उड्डयन क्षेत्र में एक बार फिर से अस्थिरता और यात्रियों की परेशानी सामने आई है। राजधानी लखनऊ से दिल्ली आने-जाने वाली एयर इंडिया की दो प्रमुख उड़ानें अगले 25 दिनों के लिए रद्द कर दी गई हैं। वहीं चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर रविवार सुबह उस वक्त बड़ा हादसा टल गया जब लखनऊ जाने वाली इंडिगो की फ्लाइट टेकऑफ से ठीक पहले तकनीकी खराबी के कारण रनवे से वापस लौटा दी गई।
दोनों घटनाएं अलग-अलग हैं, लेकिन इनका असर देश के एयर ट्रैफिक और हजारों यात्रियों की यात्रा योजना पर सीधा पड़ा है। जहां एक तरफ उड़ानें रद्द होने से यात्रियों की दिनचर्या प्रभावित हुई, वहीं दूसरी ओर बोर्डिंग के बाद विमान रोकने की घटना ने एयरलाइंस की कार्यशैली और पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
एयर इंडिया ने लखनऊ और दिल्ली के बीच चलने वाली दो महत्वपूर्ण उड़ानों को 21 जून से 15 जुलाई तक ऑपरेशनल कारणों के चलते रद्द करने का फैसला किया है।
इनमें शामिल हैं:
• AI-2460 : दिल्ली से लखनऊ — रात 8:55 बजे प्रस्थान, रात 10:05 बजे आगमन
• AI-2461 : लखनऊ से दिल्ली — रात 10:55 बजे प्रस्थान, रात 12:20 बजे आगमन
दोनों उड़ानों को दोनों दिशाओं में स्थगित कर दिया गया है। यह निर्णय ऐसे समय पर आया है जब गर्मी की छुट्टियों और मानसून के बीच दिल्ली और लखनऊ के बीच यात्रा की मांग चरम पर होती है।
यात्रियों को एयरलाइन की वेबसाइट या हेल्पलाइन से रिफंड और वैकल्पिक व्यवस्था की जानकारी दी जा रही है। लेकिन उड्डयन क्षेत्र के जानकारों का कहना है कि ऑपरेशनल वजहें अक्सर क्रू की कमी, विमान की उपलब्धता या रनवे स्लॉट से जुड़ी समस्याएं होती हैं।
चंडीगढ़ के शहीद भगत सिंह इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर रविवार सुबह एक बड़ा हादसा टल गया। इंडिगो एयरलाइंस की फ्लाइट 6E-146 लखनऊ के लिए रवाना होने वाली थी, जब उसमें तकनीकी खामी पकड़ में आई।
फ्लाइट को सुबह 7:10 बजे उड़ान भरनी थी। सभी 177 यात्रियों की बोर्डिंग पूरी हो चुकी थी और विमान टैक्सी करते हुए रनवे की ओर बढ़ रहा था। तभी पायलट को कुछ गड़बड़ी का आभास हुआ और उन्होंने सतर्कता दिखाते हुए तुरंत विमान को पार्किंग एरिया में वापस ले लिया।
इस त्वरित फैसले ने एक संभावित हादसे को टाल दिया। सभी यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाला गया, लेकिन फ्लाइट रद्द होने और सूचना न मिलने के कारण हवाई अड्डे पर हंगामा मच गया।
यात्रियों का आरोप है कि फ्लाइट रद्द होने के एक घंटे बाद तक किसी अधिकारी ने स्पष्ट जानकारी नहीं दी। बुजुर्ग, महिलाएं और छोटे बच्चे फ्लोर पर बैठकर इंतजार करते रहे।
कुछ यात्रियों ने सोशल मीडिया पर इस घटना को साझा करते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) से मदद की गुहार तक लगाई। एक यात्री ने पोस्ट किया:
“बोर्डिंग के बाद फ्लाइट रद्द कर दी गई, कोई सीनियर स्टाफ सामने नहीं आया। एक घंटे से ज़्यादा हो गया, कोई कुछ नहीं बता रहा।”
इस रवैये से नाराज यात्रियों ने एयरलाइंस की प्रबंधन क्षमता और संवेदनशीलता पर सवाल उठाए हैं।
इंडिगो एयरलाइंस ने बाद में बयान जारी कर कहा कि सुरक्षा सर्वोपरि है और तकनीकी खामी की पुष्टि के बाद फ्लाइट को रद्द किया गया।
यात्रियों को दो विकल्प दिए गए:
1. पूरे टिकट का रिफंड
2. कनेक्टिंग फ्लाइट के ज़रिए लखनऊ भेजने की व्यवस्था (दिल्ली के रास्ते)
कुछ यात्रियों के लिए एयरलाइन ने ठहरने की भी व्यवस्था की।
हाल के घटनाक्रमों ने फिर ये प्रश्न खड़े कर दिए हैं कि क्या एयरलाइंस अपने यात्रियों के प्रति जवाबदेह हैं? क्या सुरक्षा के नाम पर यात्रियों को घंटों जानकारी के बिना बेसुध छोड़ देना उचित है? और जब विमान टैक्सी कर चुका हो, तब तकनीकी गड़बड़ी पकड़ में आना — यह सवाल उठाता है प्रोएक्टिव सुरक्षा चेक्स पर।
विशेषज्ञों की मानें तो ऐसे समय में यात्रियों को:
• यात्रा से पहले फ्लाइट स्टेटस की जांच करनी चाहिए
• एयरलाइंस के हेल्पलाइन नंबर और मोबाइल ऐप्स से जुड़े रहना चाहिए
• अप्रत्याशित देरी या रद्दीकरण के लिए वैकल्पिक योजना तैयार रखनी चाहिए
लखनऊ-दिल्ली एयर इंडिया उड़ानों की 25 दिन की रद्दीकरण और चंडीगढ़ की इंडिगो फ्लाइट की घटना दो अलग-अलग स्थितियों को उजागर करती हैं — एक जहां योजना के तहत उड़ानें बंद की जा रही हैं, और दूसरी जहां सुरक्षा के चलते ऐन मौके पर बड़ा कदम उठाना पड़ा।
दोनों ही परिस्थितियों में सबसे ज़्यादा नुकसान और तनाव यात्रियों को ही झेलना पड़ता है। ऐसे में एयरलाइंस और विमानन नियामकों को बेहतर प्रबंधन, साफ-सुथरी सूचना प्रणाली, और यात्रियों के प्रति जवाबदेही पर गंभीरता से काम करना होगा।
एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें
Next Article
Disclaimer
हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।