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The story of Epstein's 'Lolita Express' jet, which Trump has flown in!
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Epstein Sex Scandal File: एपस्टीन के 'लोलिता एक्सप्रेस' जेट की कहानी जिसमें बैठ चुके हैं ट्रंप!
अमर उजाला डिजिटल डॉट कॉम Published by: आदर्श Updated Fri, 19 Dec 2025 09:29 PM IST
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दुनिया में इस वक्त किसी चीज की सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है वो शायद एपस्टीन फाइल है। एक व्यक्ति, उसके अपराध और उससे जुड़े रसूखदार लोगों के जिंदगी का वो डार्क सीक्रेट जिसे सुनकर हर कोई हैरान है। अभी इस कहानी के कई हजार पन्ने खुलने बाकी है। लेकिन फ़िलहाल चर्चा के केंद्र में है एक विमान, जिसे दुनिया “लोलिता एक्सप्रेस” के नाम से जानती है। ऐसे में सवाल उठना लाजमी है की आखिर ये लोलिता एक्सप्रेस है क्या? इसका नाम अमेरिका के मौजूदा राष्ट्रपति ट्रंप से क्यों जुड़ रहा है? इस वीडियो में 'लोलिता एक्सप्रेस' की कुंडली खोलेंगे और जानने की कोशिश करेंगे की इस विमान के इर्दगिर्द कौन से नाम घूमते रहे और इस विमान की खासियत क्या है। इन रसूखदारों के द्वारा इस्तेमाल किये जाने वाले ये विमान किन सुविधाओं से लैस था ये विमान?
दरअसल, अमेरिका के कुख्यात फाइनेंसर और दोषी यौन अपराधी जेफरी एपस्टीन का निजी विमान बोइंग 727-100 आज भी जांच एजेंसियों, अदालतों और मीडिया के लिए रहस्य और विवाद का केंद्र बना हुआ है। इस विमान को यूएस वर्जिन आइलैंड्स में स्थानीय लोग “लोलिता एक्सप्रेस” कहते थे। आरोप है कि इसी विमान के जरिए एपस्टीन अपने नेटवर्क के तहत नाबालिग लड़कियों को न्यूयॉर्क, पाम बीच, न्यू मैक्सिको और यूएस वर्जिन आइलैंड्स के बीच ले जाया करता था। अभियोजन और गवाहियों में विमान को एक “क्राइम सीन” तक बताया गया है।
यह विमान, जिसका पंजीकरण नंबर N908JE था, मूल रूप से एक कमर्शियल जेट बोइंग 727-100 था, जिसे निजी लग्जरी उपयोग के लिए बदला गया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इसके भीतर 29 सीटों वाला विशेष इंटीरियर था क्वीन-साइज बेड वाला मास्टर बेडरूम, लाल मखमली सोफों वाला लाउंज, महोगनी/टीक की डेस्क, मिररड वार्डरोब, गैली किचन, डाइनिंग एरिया और अटैच शॉवर। इतना ही नहीं, उड़ान के दौरान वित्तीय काम करने के लिए इसमें ब्लूमबर्ग टर्मिनल तक लगाया गया था। एपस्टीन सालाना करीब 600 घंटे उड़ान भरता था और अक्सर “मेहमानों” के साथ यात्रा करता था।
एपस्टीन का नाम यूएस वर्जिन आइलैंड्स के लिटिल सेंट जेम्स द्वीप से भी जुड़ा है, जहां वह प्रभावशाली मेहमानों की मेजबानी करता था। आरोपों के मुताबिक, वह अपने निजी जेट से मेहमानों को द्वीप तक लाता-ले जाता था और यात्राओं के लिखित रिकॉर्ड फ्लाइट लॉग्स छोड़ जाता था। यही फ्लाइट लॉग्स आज “एपस्टीन फाइल्स” का सबसे अहम हिस्सा माने जाते हैं।
इन लॉग्स में कई हाई-प्रोफाइल नाम सामने आने का दावा किया गया है जिनमें पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन, डोनाल्ड ट्रंप, ब्रिटेन के प्रिंस एंड्रयू, अभिनेता केविन स्पेसी और वकील एलन डर्शोविट्ज जैसे नाम शामिल बताए जाते हैं। हालांकि, किसी का नाम दर्ज होना अपने-आप में अपराध का प्रमाण नहीं है यह बात कानूनी तौर पर बार-बार दोहराई गई है। फिर भी, इन नामों का सामने आना सियासी और सामाजिक हलकों में बहस को तेज करता है।
विवाद तब और बढ़ा जब 2009 में एपस्टीन के भाई मार्क एपस्टीन ने दावा किया कि डोनाल्ड ट्रंप ने इस विमान में कम से कम एक बार उड़ान भरी थी। बाद में उन्होंने एक अखबार को बताया कि ट्रंप ने “कई बार” यात्रा की। दूसरी ओर, एक विदेशी पत्रकार के अनुसार, ट्रंप ने एक बार एपस्टीन को अपने निजी विमान में भी उड़ाया था। इन दावों पर अलग-अलग प्रतिक्रियाएं आईं, और सभी आरोपों को संदर्भ और प्रमाण के साथ देखने की जरूरत बताई गई।
फरवरी 2025 में अमेरिकी न्याय विभाग द्वारा कथित तौर पर अनसील किए गए “फेज-1” दस्तावेजों करीब 100 पन्नों में एपस्टीन की पर्सनल एड्रेस बुक से जुड़े 1,500 से अधिक संपर्क और अतिरिक्त उड़ान विवरणों का उल्लेख होने की बात कही गई। इससे एक बार फिर “लोलिता एक्सप्रेस” और उससे जुड़े नेटवर्क पर चर्चा तेज हो गई।
गौर करने वाली बात यह भी है कि एपस्टीन ने 2017 में यह विमान बेच दिया था और बाद में इसे स्कैंडल से दूरी बनाने के लिए नष्ट या पार्ट्स में तोड़ दिया गया। लेकिन विमान के खत्म हो जाने से उससे जुड़े सवाल खत्म नहीं हुए। “लोलिता एक्सप्रेस” आज भी उस काली परछाईं का प्रतीक है, जहां सत्ता, धन और अपराध के आरोप एक-दूसरे से टकराते हैं और जवाब अब भी अधूरे हैं। अब पूरी दुनिया को इंतजार है वो फाइल खुलने का। एपस्टीन फाइल खुलने के बाद कई चीजें सामने आ सकती है।
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