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US Federal Court on Tariff: Trump criticises appeals court's decision on tariff, will India get relief?
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US Federal Court on Tariff: टैरिफ पर अपील कोर्ट के फैसले की ट्रंप ने की आलोचना, भारत को मिलेगी राहत?
वीडियो डेस्क, अमर उजाला डॉट कॉम Published by: अभिलाषा पाठक Updated Sat, 30 Aug 2025 01:10 PM IST
अपील कोर्ट के फैसले के बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर एक लंबा पोस्ट लिखकर इसकी आलोचना की। उन्होंने कहा, सभी टैरिफ अभी भी लागू हैं! आज एक बेहद पक्षपातपूर्ण अपील अदालत ने गलती से कहा कि हमारे टैरिफ हटा दिए जाने चाहिए, लेकिन वे जानते हैं कि अंत में जीत अमेरिका की ही होगी। अगर ये टैरिफ कभी हट भी गए, तो यह देश के लिए एक बड़ी आपदा होगी... अमेरिका अब और भारी व्यापार घाटे और दूसरे देशों, चाहे वे दोस्त हों या दुश्मन की तरफ से लगाए गए अनुचित टैरिफ और अन्य व्यापार बाधाओं को बर्दाश्त नहीं करेगा। इससे हमारे उत्पादक, किसान और बाकी सभी कमजोर होते हैं। ट्रंप ने कहा, अगर इसे (अपील अदालत के फैसले को) ऐसे ही रहने दिया गया, तो यह फैसला अमेरिका को सचमुच बर्बाद कर देगा... कई वर्षों तक, हमारे बेपरवाह और नासमझ राजनेताओं ने टैरिफ को हमारे खिलाफ इस्तेमाल करने दिया। अब, अमेरिका के सर्वोच्च न्यायालय की मदद से, हम इनका इस्तेमाल अपने राष्ट्र के हित में करेंगे और अमेरिका को फिर से समृद्ध, मजबूत और शक्तिशाली बनाएंगे! इससे पहले, वाशिंगटन डीसी स्थित फेडरल सर्किट कोर्ट ऑफ अपील्स ने शुक्रवार (स्थानीय समयानुसार) को एक बड़ा फैसला सुनाया। अदालत ने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अधिकांश टैरिफ गैरकानूनी हैं। अदालत का यह फैसला उस नीति को बड़ा झटका है, जिसमें ट्रंप ने टैरिफ को अपनी अंतरराष्ट्रीय आर्थिक रणनीति का अहम हथियार बनाया था। हालांकि, अदालत ने कहा है कि ये टैरिफ 14 अक्तूबर तक लागू रहेंगे, ताकि ट्रंप प्रशासन के पास अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में अपील करने का समय रहे।
दुनिया-भारत के लिए यह फैसला कितना राहत भरा?
कुल मिलाकर कोर्ट के आदेश के मुताबिक, ट्रंप के टैरिफ फिलहाल प्रभावी रहेंगे। यानी भारत के निर्यातकों को 14 अक्तूबर तक 50 फीसदी टैरिफ से कोई छूट मिलने की संभावना नहीं है। हालांकि, इस दौरान मामला सुप्रीम कोर्ट जाने की संभावना है और इस पर सुनवाइयों का दौर भी अगले कुछ महीनों तक चल सकता है।
अमेरिकी मीडिया के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट सुनवाई के दौरान टैरिफ 14 अक्तूबर तक प्रभावी रहने की डेडलाइन को और आगे बढ़ाने का फैसला ले सकता है। इससे आगे सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद ही टैरिफ के मुद्दे पर किसी तरह की राहत मिलने की संभावना है। दूसरी तरफ भारत के लिए भी संघीय अपीलीय अदालत का फैसला कोई तत्काल राहत लेकर नहीं आया है। यानी भारतीय उत्पादों पर 50 फीसदी टैरिफ लगना जारी रहेगा। अगर कोर्ट की तरफ से ट्रंप के टैरिफ को तत्काल हटाने की बात भी कह दी जाती तो भी भारत के कुछ उत्पादों पर लगा सिर्फ 25 फीसदी टैरिफ ही हटता, क्योंकि ट्रंप ने अमेरिका के व्यापार घाटे को कम करने के लिए आईईईपीए कानून के जरिए भारतीय उत्पादों पर आयात शुल्क लगाने का फैसला किया था।यानी भारत पर रूस से तेल खरीद की वजह से जुर्माने के तौर पर लगाया गया 25 फीसदी अतिरिक्त टैरिफ फिर भी बरकरार रहेगा।
ट्रंप प्रशासन ने इस जुर्माने के लिए आईईईपीए कानून के साथ-साथ व्यापार विस्तार अधिनियम 1962 की धारा 232, व्यापार अधिनियम 1974 की धारा 301 और धारा 604 के तहत पाबंदियां लागू की हैं। अमेरिकी टैरिफ के मुद्दे पर अब आगे क्या? ट्रंप प्रशासन को निचली अदालत और उच्च न्यायालय में टैरिफ के मुद्दे पर हार मिलने के बाद अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट में जाना तय हो गया है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट में अब इस मामले में संविधान की व्याख्या से संबंधित विधि के महत्वपूर्ण प्रश्नों पर निर्णय होना है। चूंकि सुप्रीम कोर्ट का फैसला सर्वमान्य और अंतिम होना तय है, इसलिए यह एक तरह से अमेरिकी राष्ट्रपति और अमेरिकी संसद की शक्तियों के बंटवारे और इसकी सीमाओं को बताने का निर्णय होगा। माना जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट ट्रंप के टैरिफ के मुद्दे पर अक्तूबर के पहले हफ्ते से सुनवाई शुरू कर सकती है। इसके बाद मामला कोर्ट में कितना लंबा खिंचेगा, यह तय नहीं है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अगर ट्रंप प्रशासन सुप्रीम कोर्ट में हार जाता है तो यह देखना अहम होगा कि अमेरिकी सरकार अपने आयातकों से ही वसूला गया टैरिफ कैसे लौटाएगी।
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