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Was Changur's racket getting funding from Zakir Naik's organizations?
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छांगुर के रैकेट को जाकिर नाईक की संस्थाओं से मिल रही थी फंडिंग?
वीडियो डेस्क अमर उजाला डॉट कॉम Published by: आदर्श Updated Mon, 21 Jul 2025 06:28 PM IST
देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए एक और गंभीर चुनौती सामने आ रही है। उत्तर प्रदेश के बलरामपुर से लेकर नेपाल सीमा तक फैले अवैध धर्मांतरण के नेटवर्क की जड़ें अब अंतरराष्ट्रीय स्तर तक जा पहुंची हैं। केंद्रीय एजेंसियों को शक है कि इस पूरी फंडिंग के पीछे भगोड़ा इस्लामिक कट्टरपंथी जाकिर नाईक का हाथ हो सकता है।
सूत्रों के मुताबिक, पीएफआई और सिमी जैसे प्रतिबंधित संगठनों के पदाधिकारी इस नेटवर्क को जमीन पर संचालित कर रहे हैं। फंडिंग के तार अमेरिका, यूके, दुबई और तुर्किए से जुड़ रहे हैं और इसका मकसद नेपाल बॉर्डर से लगे जिलों में मुस्लिम आबादी को बढ़ावा देना बताया जा रहा है।
अब इस पूरे मामले की जांच ईडी, एटीएस और इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने तेज कर दी है। सवाल बड़ा है – क्या देश में धर्मांतरण की इस साजिश का मास्टरमाइंड मलेशिया में बैठा जाकिर नाईक है?
प्रदेश में अवैध धर्मांतरण के लिए विदेशों से फंडिंग के तार भगोड़े इस्लामिक कट्टरपंथी जाकिर नाईक से जुड़ रहे हैं। केंद्रीय खुफिया एजेंसियाें के अलावा प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को भी इससे जुड़े कुछ सुराग हाथ लगे हैं। हैरानी की बात यह है कि इस फंडिंग को दिलाने के पीछे प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) और स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) के कुछ पदाधिकारियों की भूमिका बताई जा रही है। फिलहाल ईडी इसकी गहनता से जांच कर रही है, वहीं एटीएस भी इस पहलू को खंगाल रही है।
दरअसल, बलरामपुर में अवैध धर्मांतरण का सिंडीकेट चला रहे जमालुद्दीन उर्फ छांगुर को विदेशी संस्थाओं से फंडिंग हो रही थी। वहीं आयकर विभाग ने भी बीते फरवरी माह में नेपाल सीमा पर छापा मारकर अवैध धर्मांतरण के साथ मस्जिद, मदरसों और मजारों के निर्माण के लिए दक्षिण भारत के कुछ राज्यों से फंडिंग होने के पुख्ता सुराग मिले थे। जांच में सामने आया है कि यह फंडिंग भी विदेश से हो रही है। इसमें यूएई, तुर्किए, दुबई, कनाडा, अमेरिका, यूके की कुछ इस्लामिक संस्थाएं संलिप्त हैं। उनका निशाना यूपी में नेपाल सीमा के जिले हैं, जहां पर मुस्लिम आबादी को बढ़ाने की कवायद भी चल रही है। इसकी विस्तृत रिपोर्ट गृह मंत्रालय को भेजे जाने के बाद से ही खुफिया एजेंसियां सक्रिय होने के साथ फंडिंग की मनी ट्रेल का पता लगा रही हैं।
बता दें कि जाकिर नाईक अवैध तरीके से धर्मांतरण के लिए कुख्यात है। उसकी संस्था इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन पर सुरक्षा एजेंसियों का शिकंजा कसने के बाद वह मलेशिया फरार हो गया था। वह विदेश से भी लगातार मुस्लिम युवाओं को हिंदुओं का धर्मांतरण कराने के लिए बरगलाता रहता है।
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