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Sawan Somwar Puja 2025: Which form of Shiva is worshiped in Sawan? Kanwar Yatra 2025
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Sawan Somwar Puja 2025: सावन में शिव के किस रूप की पूजा की जाती है? कांवर यात्रा 2025
वीडियो डेस्क, अमर उजाला डॉट कॉम Published by: अभिलाषा पाठक Updated Sat, 19 Jul 2025 02:39 PM IST
इस वर्ष सावन का महीना 11 जुलाई से शुरू हो रहा है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सावन का महीना भगवान शिव को बहुत ही प्रिय होता है। पूरे एक माह के दौरान शिवजी और माता पार्वती की विशेष रूप से पूजा-आराधना की जाती है। सावन में शिवलिंग पर जलाभिषेक और उनकी प्रिय चीजों से रुद्राभिषेक किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि सावन के महीने में भगवान शिव सबसे जल्दी प्रसन्न होते हैं और जो भक्त सच्चे मन से उनकी पूजा-आराधना करता है उनके सभी दुख दूर हो जाते हैं। पूरे सावन माह भगवान भोलेनाथ पृथ्वी पर आकर अपने भक्तों पर कृपा बरसाते हैं, लेकिन क्या आपको पता है सावन के महीने में भगवान भोलेनाथ पृथ्वी पर क्यों करते हैं वास ? क्या है पौराणिक कथा ?
शिवपुराण के अनुसार, देवी सती के पिता राजा दक्ष ने अपने महल में एक बार बहुत बड़ा और भव्य यज्ञ का आयोजन किया। राजा दक्ष ने सभी देवी-देवता, ऋषियों-मुनियों और राजाओं को निमंत्रण दिया, लेकिन दक्ष ने अपने दामाद भगवान शिव को इस यज्ञ में शामिल होने के लिए उनको आमंत्रित नहीं किया। जब माता सती को अपने पिता के द्वारा किए गए विशाल यज्ञ के बारे में पता चला तो, वह बहुत उत्साहित और खुश हुईं। फिर भोलेनाथ से यज्ञ में शामिल होने के लिए जिद करने लगी, तब भगवान शिव ने यज्ञ में बिना निमंत्रण के जाने से इंकार कर दिया। लेकिन देवी सती भगवान की याज्ञा का पालन न करते हुए अपने पिता के घर यज्ञ में बिना शिवजी के चली गईं।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जब देवी का दूसरा जन्म माता पार्वती के रूप में पृथ्वी पर तो उन्होंने शिव को पति के रूप में पाने के लिए कठोर तपस्या की। माता पार्वती की तपस्या से प्रसन्न होकर महादेव ने उन्हें अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार्य किया। सावन के महीने में ही भगवान शिव ने माता पार्वती को पत्नी के रूप में स्वीकार्य किया था, इस कारण से हर वर्ष सावन के महीने में भोलेनाथ पृथ्वी पर आते हैं और अपनी ससुराल जो हरिद्वार के पास कनखल में है वहां पर दक्षेश्वर के रूप में विराजमान होते हैं।
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