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Balasore Student Self-Immolation Case: Congress deflates administrative claims on Balasore incident!
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Balasore Student Self-Immolation Case: बालासोर कांड पर कांग्रेस ने प्रशासनिक दावों की निकाली हवा!
वीडियो डेस्क, अमर उजाला डॉट कॉम Published by: भास्कर तिवारी Updated Sat, 19 Jul 2025 07:30 AM IST
कांग्रेस अध्यक्ष भक्त चरण दास कहते हैं, ".वह लड़की एक राज्य मंत्री से भी मदद मांगने गई थी, लेकिन उन्होंने उसकी मदद नहीं की.अगर उन्होंने एफआईआर दर्ज करने में उसकी मदद की होती, तो वह आज यहां होती.आप बच्चों को जेल में डालने के लिए कानून का दुरुपयोग कर सकते हैं, और आप अपने ही एक छात्र को बचाने के लिए पुलिस को एफआईआर दर्ज करने के लिए नहीं कह सकते.क्या मोहन माझी जवाब दे सकते हैं कि इस मामले में एफआईआर क्यों दर्ज नहीं की गई? क्या शिक्षा मंत्री, सांसद या आईसीसी (आंतरिक शिकायत समिति) में यह बताने की हिम्मत है कि एफआईआर क्यों दर्ज नहीं की गई?
ओडिशा के बालासोर में आत्मदाह करने वाली छात्रा के मामले में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। मृतका की मित्र के मुताबिक, पीड़िता कॉलेज की आंतरिक शिकायत समिति (ICC) की रिपोर्ट से तनाव में थी। प्रिंसिपल ने भी उससे कहा था कि समिति की रिपोर्ट में सब कुछ तुम्हारे खिलाफ है। बेहतरी इसी में है कि अपना आवेदन वापस ले लो, अन्यथा तुम्हारे खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
आत्मदाह करने वाली छात्रा की मित्र प्रियाशा महापात्रा ने बताया कि 30 जून को हम प्रिंसिपल के पास आवेदन देने गए थे। इस दौरान प्रिंसिपल ने कहा था कि एक अंत: विषय समिति बनाकर सबकुछ ठीक से जांचा जाएगा। तब हमें एहसास हुआ कि ऐसा कुछ नहीं होगा, क्योंकि कुछ एनएसयूआई सदस्यों ने आरोपी शिक्षक के पक्ष में एक हस्ताक्षर अभियान चलाया था। उन्होंने प्रिंसिपल को पीड़िता के खिलाफ आवेदन दिया था।
प्रियाशा के मुताबिक, इसके बाद पीड़िता को लगा कि प्रिंसिपल कोई कार्रवाई नहीं करेंगी, इसलिए उसने आंतरिक शिकायत समिति (ICC) को आवेदन दिया। 11 जुलाई को प्रिंसिपल ने पीड़िता से कहा, 'तुम दोषी हो। हमें ICC की रिपोर्ट मिल गई है और हम सात से आठ दिनों के बाद इसका खुलासा करेंगे। रिपोर्ट में सब कुछ पूरी तरह से तुम्हारे खिलाफ है। अपना आवेदन वापस ले लो, अन्यथा तुम्हारे खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।' इस बात को लेकर पीड़िता बेहद तनाव में थी।
प्रियाशा के मुताबिक, इसके बाद पीड़िता ने कहा कि हम 12 जुलाई को दोपहर करीब 2 बजे ABVP के साथ धरना देंगे। 12 जुलाई को दोपहर करीब 1:30 बजे पीड़िता ने खुद को आग लगा ली। प्रियाशा ने कहा कि हम चाहते हैं कि पीड़िता को न्याय मिले। हम नहीं चाहते कि लोग इस मुद्दे का राजनीतिकरण करें।
मृतका की मित्र प्रियाशा ने कहा कि NSUI और BJD के सदस्य जो उसके खिलाफ खड़े थे, अब सड़कों पर न्याय की मांग कर रहे हैं। अगर उन्हें सचमुच न्याय चाहिए था, तो वे पहले उसके साथ क्यों नहीं खड़े हुए? उसने कहा कि ICC के सदस्यों की भी जांच होनी चाहिए। हम तब तक लड़ते रहेंगे, जब तक कि पीड़िता को न्याय नहीं मिल जाता।
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