पारस अस्पताल फायरिंग की घटना पर कांग्रेस सांसद रंजीत रंजन ने कहा, "मैंने एडीजी का बयान सुना। बिहार की हालत वाकई बहुत खराब है और प्रशासन भी यही कह रहा है। क्या प्रशासन को सरकार से निर्देश मिले हैं कि उन्हें कार्रवाई करने की ज़रूरत नहीं है? एडीजी कह रहे हैं कि वहाँ 3-4 महीने बारिश होती है और किसानों के पास काम नहीं होता, इसलिए वे अपराध करते हैं। क्या आप किसानों को अपराधी मान रहे हैं?...मुझे लगता है कि सीएम को किसानों पर लगे ऐसे गंभीर आरोपों के लिए अपने प्रशासन से सवाल करना चाहिए...खेमका की हाल ही में हत्या हुई...उससे पहले उनके बेटे की हत्या हुई थी। अब पारस अस्पताल की घटना...प्रशासन खुद कह रहा है कि आजकल लोग कॉन्ट्रैक्ट किलिंग कर रहे हैं...इसका मतलब है कि आप जानते हैं कि स्कूल और कॉलेज के छात्र भी 10,000-15,000 रुपये में कॉन्ट्रैक्ट किलिंग कर रहे हैं। किशोरों के बैग...यह 300 रुपये में बिक रहा है, यह आपको 6 दिनों तक नशे में रखता है...इसके पीछे ड्रग्स का एंगल है
पारस अस्पताल में घुसकर अपराधी चंदन मिश्रा की गोली मारकर हत्या किए जाने के मामले में अस्पताल प्रशासन भी जांच के दायरे में है। डीजीपी विनय कुमार ने गुरुवार को कहा कि जिस अस्पताल में वर्दी में होने पर भी पुलिसकर्मियों को प्रवेश से पहले रोका-टोका जाता है, वहां बिना रोक-टोक हथियार से लैस अपराधी कैसे घुस गए, इसकी जांच कराई जाएगी। इसकी भी जांच की जा रही है कि अस्पताल में जिस बवासीर के ऑपरेशन का हवाला देकर चंदन मिश्रा भर्ती किया गया था, उसका ऑपरेशन किया गया या नहीं। डीजीपी ने कहा कि इस घटना को देखते हुए राज्य के सभी अस्पतालों के सुरक्षा मानकों को लेकर भी एडवाइजरी जारी की जाएगी।
इसमें अस्पताल में तैनात निजी सुरक्षा गार्डों को प्रशिक्षित करने से लेकर इस तरह की घटना से निबटने के लिए माक ड्रिल आदि कराने का निर्देश दिया जाएगा। डीजीपी ने कहा कि चंदन मिश्रा दुर्दांत अपराधी रहा है। वह दर्जन भर हत्याकांड में सजायाफ्ता है और पेरोल पर बाहर आया था। उसे पहले फांसी की सजा हुई थी जिसे अपील के बाद आजीवन कारावास में बदल दिया गया था। वह जमीन के धंधे से भी जुड़ था और हत्या के पीछे जमीन विवाद का मामला संभावित है। कई अपराध में उसके सह अभियुक्त रहे अपराधी ही बाद में उसके प्रतिद्वंद्वी हो गए थे। पुलिस-प्रशासन ने आसूचना के बाद अभिषेक को सुरक्षा को लेकर अलर्ट भी किया था। डीजीपी ने कहा कि अस्पताल के वीडियो फुटेज के आधार पर शूटरों की पहचान कर ली गई है। कई क्लू मिले हैं, जिसके आधार पर पुलिस छापेमारी कर रही है।
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