अवैध धर्मांतरण के लिए चर्चित छांगुर मामले में मेरठ का एक नाम तेजी से उभर रहा है, जिसकी तलाश में पुलिस की टीमें जुट गईं हैं। लिसाड़ी गेट के किदवई नगर का रहने वाला बदर अख्तर सिद्दीकी पर आरोप है कि वह छांगुर के गिरोह का खास और सक्रिय सदस्य है, जो हिंदू युवतियों को निशाना बनाकर धर्म परिवर्तन की जाल में फंसाता है। बदर अख्तर के खिलाफ ATS ने कई अहम सबूत इकट्ठा किए हैं। यही कारण है कि अब मेरठ पुलिस भी उसकी तलाश में जुट गई है। उसे आखिरी बार मेरठ के सरूरपुर क्षेत्र में देखा गया था। बदर अख्तर का नाम पहली बार साल 2019 में उस वक्त सामने आया था, जब वह सरूरपुर के एक गांव में रहने वाली युवती को बहला-फुसलाकर अपने साथ ले गया। युवती के पिता ने पुलिस में अपहरण का मुकदमा दर्ज कराया था, जिससे वह चर्चा में आ गया था।
कुछ दिन बाद दोनों वापस लौट आए। युवती ने कोर्ट में बदर के पक्ष में बयान दिए, जिसके चलते पुलिस को केस में फाइनल रिपोर्ट लगानी पड़ी। यही वह मोड़ था, जहां से शक और गहराया। वर्ष 2021 में बदर अख्तर पर एक बार फिर उसी युवती को अगवा करने का आरोप लगा। इस बार केस की गंभीरता को देखते हुए सरूरपुर थाने में फिर से अपहरण की एफआईआर दर्ज हुई। इस बार पुलिस ने चार्जशीट दाखिल कर दी, जिससे बदर की भूमिका पर सवाल और पुख्ता हो गए। लेकिन वह पुलिस की गिरफ्त से लगातार बचता रहा और गायब हो गया। पुलिस को शक है कि बदर केवल एक या दो मामलों में नहीं, बल्कि कई युवतियों को प्रेमजाल में फंसाकर धर्म परिवर्तन के लिए उकसाता रहा है। छांगुर के गिरोह में उसकी भूमिका एक फील्ड वर्कर जैसी बताई जा रही है, जो सीधे संपर्क बनाता है।
बदर अख्तर युवतियों को भावनात्मक रूप से फंसा कर वह उन्हें अपने साथ ले जाता और फिर उनके ब्रेनवॉश की कोशिश करता। ATS को ऐसे कुछ कॉल रिकॉर्डिंग्स और चैट्स भी मिले हैं, जिनसे बदर पर लगे ये आरोप गंभीर हो जाते हैं। यूपी ATS ने छांगुर गिरोह की पड़ताल करते हुए मेरठ पुलिस से संपर्क किया। उन्हें जांच में बदर अख्तर के खिलाफ कई अहम साक्ष्य मिले हैं, जिनमें उसका मोबाइल लोकेशन, संपर्क नंबर और पुराने केस फाइल्स शामिल हैं।