खंडवा जिले के पुनासा ब्लॉक में स्थित इंदिरा सागर बांध के डूब प्रभावितों को उचित मुआवजा न दिए जाने के मामले में अब न्यायालय ने सख्त रुख अपनाया है। इस मामले की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट के आदेश के बाद बुधवार शाम को जिला न्यायालय की एक टीम NHDC (नर्मदा हाइड्रो डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन) कार्यालय पहुंची और न्यायालय के निर्देश पर कुर्की की कार्रवाई की गई। टीम ने कार्यालय से कई शासकीय सामान जब्त किए, जिनमें कंप्यूटर, प्रिंटर, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और अन्य सामग्री शामिल है।
मिली जानकारी के अनुसार, ऐसे लगभग 36 मामले हैं, जिनमें NHDC को प्रभावितों को करोड़ों रुपये का मुआवजा अदा करना है, लेकिन अब तक भुगतान नहीं किया गया। डूब प्रभावितों ने इस कार्रवाई को न्याय की दिशा में बड़ा कदम बताया है। वहीं NHDC अब इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की तैयारी कर रहा है।
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ज्ञात हो कि खंडवा जिले में वर्ष 2004 में नर्मदा नगर स्थित एशिया की सबसे बड़ी 1000 मेगावॉट की इंदिरा सागर परियोजना शुरू की गई थी। लेकिन इसके डूब क्षेत्र के प्रभावितों को अब तक पूर्ण मुआवजा नहीं मिला है, जिसके चलते वे वर्षों से न्यायालय के चक्कर लगा रहे हैं। इस कुर्की की कार्रवाई एक किसान, दशरथ पिता नन्नू के 48 लाख रुपये के मुआवजे से जुड़े मामले में की गई। NHDC ने अब तक उन्हें मुआवजा नहीं दिया था, जबकि न्यायालय का आदेश पहले ही जारी हो चुका था।
प्रभावित पक्ष के वकील प्रणेंद्र राकां ने बताया कि न्यायालय का आदेश लंबे समय से लंबित था, लेकिन पालन न होने के कारण कुर्की करानी पड़ी। यह प्रभावितों की न्यायिक जीत है। वहीं NHDC की वकील सुनीता रेवारी ने कहा कि वे इस आदेश को उच्चतम न्यायालय में चुनौती देंगे और NHDC का पक्ष वहां प्रस्तुत किया जाएगा।