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MP Politics: Former BJP MLA Dhruv Pratap Singh shows rebellious attitude, angry with party neglect
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MP Politics: बीजेपी के पूर्व विधायकों ने दिखाए बगावती तेवर, कांग्रेस में जाने के दिए संकेत
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कटनी Published by: अंकिता विश्वकर्मा Updated Fri, 26 May 2023 03:33 PM IST
मध्यप्रदेश के आगामी चुनाव भाजपा के लिए आसान नजर नहीं आ रहे हैं, इसके पीछे की वजह बीजेपी में मची अंतर्कलह है, जो अब खुलकर सामने आ रही है। ताजा मामला कटनी जिले का है, जहां पूर्व विधायकों ने वरिष्ठ नेताओं की अनदेखी पर नाराजगी जाहिर की है। कुंवर ध्रुव प्रताप सिंह, सुकीर्ति जैन, गिरिराज पोद्दार और अलका जैन सभी ने एक सुर में नई भाजपा और पुरानी भाजपा के बीच की खाई का दोषी प्रदेशाध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा को बताया है। भाजपा के दिग्गज नेता में शुमार कुंवर ध्रुव प्रताप सिंह का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा, जिसमें वह अपने साथ हो रहे भेदभाव की राजनीति पर रोष व्यक्त करते हुए नजर आ रहे हैं। उनका कहना है कि हमारा परिवार तीनों पीढ़ियों से राजनीति में है। जन शक्ति में 1980 में जुड़े उस दौर में पोलिंग एजेंट नहीं मिलते थे, हमने खून पसीने से सींचकर पार्टी खड़ी की, जिले में विधायक से लेकर कई अहम पदों में रहकर जनसेवा की, लेकिन प्रदेशाध्यक्ष और विजयराघवगढ़ विधायक ने भाजपा को वन मैन आर्मी बना दिया है। भाजपा अपने मूलमंत्र "संगठन गढ़े चलो आगे बढ़े चलो" से भटक चुकी है। जिससे भाजपा के वोटर्स काफी नाराज हैं। उन्होंने बीते सात-आठ वर्षों में की गई अपनी अनदेखी को लेकर दुख व्यक्त किया है। उनका कहना है कि पार्टी में दिए गए लंबे योगदान के बाद भी नगर निगम से लेकर ग्रामीण चुनाव में कोई जिम्मेदारी नहीं दी गई। मुझे आउट डेटेड समझ लिया गया, लेकिन मैं अभी सक्षम हूं।
वायरल वीडियो सामने आने के बाद जिलाध्यक्ष ने संपर्क किया है, वहीं, कुंवर ध्रुव प्रताप सिंह का कहना है कि वीडी शर्मा तो शायद पहचाने भी नहीं। उन्होंने कांग्रेस में जाने के संकेत देते हुए कहा कि जब कांग्रेस के लोग भाजपा में आ सकते हैं, तो भाजपा के कांग्रेस में क्यों नहीं। अभी जन सेवा की इच्छा है वो करेंगे।
2003 में कांग्रेस के कैबिनेट मंत्री सतेंद्र पाठक को हराकर भाजपा की झोली में 15 हजार वोटों की जीत डालने वाले कुंवर ध्रुव प्रताप सिंह का नाम दिग्गज नेताओं में शुमार है, लेकिन बीजेपी में उनके साथ हो रही उपेक्षा से न सिर्फ ध्रुव प्रताप सिंह बल्कि कैबिनेट मंत्री रहीं अलका जैन, पूर्व विधायक गिरिराज पोद्दार सहित सुकीर्ति जैन ने खुद को उपेक्षा का शिकार बताया है। पूर्व विधायक अलका जैन और सुकीर्ति जैन की माने तो वरिष्ठों को सत्ता की नहीं बल्कि सम्मान की भूख होती है और सरकार बनाने में नई पीढ़ी के जोश के साथ ही वरिष्ठों के अनुभव की आवश्कता भी पड़ती है, लेकिन मौजूदा हालात में दोनों पीढ़ी के बीच एक खाई बन चुकी है, जिसका जिम्मेदार उन्होंने प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा को बताया है। वहीं, कांग्रेस में जाने के सवाल पर उन्होंने उचित अवसर मिलने की बात कही है।
बीजेपी से निष्कासित पूर्व विधायक गिरिराज पोद्दार ने भी अपने साथ हुए छलावे की राजनीति का दर्द बयां किया, हालांकि संघ से जुड़े होने की वजह से उन्होंने खुलकर कांग्रेस में जाने की बात नहीं कही। लेकिन वह भी भाजपा के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं और नेताओं के दरकिनार करने की बात से सहमत दिखे। पूर्व विधायक गिरिराज पोद्दार ने बताया की भाजपा ने मन बना लिया है, जिसे आना है वो आए, जिसे जाना है वो जाए। ये एक तरह का अहंकार है ये निर्णय संगठन का नहीं हो सकता। कार्यकर्ताओं को सम्मान की उम्मीद रहती है लेकिन पूर्व विधायक से लेकर रनिंग कार्यकर्ता असंतुष्ट तो हैं मुझे पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है, लेकिन मेरे द्वारा समय समय पर इसकी जानकारी ऊपर तक पहुंचाई जा रही है।रही बात मेरी तो अन्य दल में जाना होता तो 2019 में ही चला जाता। मैं हिंदुत्व प्रेमी व्यक्ति हूं। इसलिए मैं कही जाने वाला नहीं। वहीं, प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा से भाजपा नेताओं के कांग्रेस में जाने का सवाल पूछा गया तो वो बचते नजर आए।
भाजपा में जारी मतभेद का असर सिर्फ पूर्व विधायकों में नहीं बल्कि युवाओं में भी दिखाई दे रहा, जिसका फायदा कांग्रेस जमकर उठा रही है। हाल ही में भाजपा युवा मोर्चा के आधा सैकड़ा नेताओं ने युवा कांग्रेस अध्यक्ष अंशु मिश्रा के हाथों कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की। ये तमाम संकेत बीजेपी के लिए बुरे दिखाई पड़ रहे हैं। अब देखना ये होगा कि भाजपा इसे कैसे रोकती है।
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