शाजापुर शहर में शनिवार को देवी अहिल्याबाई की जयंती पर महिलाओं द्वारा अखाड़े में शक्ति प्रदर्शन किया गया।अखाड़े में शामिल महिला और बालिकाओं ने पगड़ी, हाथों में लाठी-तलवार ली और ढोल की थाप पर अखाड़े की कला का प्रदर्शन किया। दास हनुमान अखाड़े के महिला शक्ति दल ने देवी अहिल्याबाई होल्कर की जयंती के अवसर पर अखाड़ा निकाला। इसमें छोटी-छोटी बालिकाओं से लेकर युवतियों एवं महिलाओं ने शस्त्र कला का प्रदर्शन किया। जगह-जगह अखाड़े पर पुष्पवर्षा की गई।
शस्त्रकला सीखने के लिए नगर में अलग-अलग स्थानों पर बालिकाएं, युवतियां एवं महिलाएं पहुंच रही थीं। लगातार की गई तैयारियों के बाद शनिवार को शहर की सड़कों पर शक्ति का स्वरूप दिखाई दिया। दासदल हनुमान अखाड़ा के अंतर्गत महिला शक्तिदल ने शाम के समय दासदल हनुमान अखाड़ा बादशाह पुल से अखाड़ा प्रारंभ किया। इसमें सबसे आगे घोड़े पर युवतियां भगवा लिए सवार थीं। इसके पीछे महिला शक्ति दल के अखाड़े में छोटी-छोटी बालिकाओं से लेकर युवतियां और महिलाएं शस्त्रकला का लाठियों के माध्यम से प्रदर्शन कर रही थीं।गणमान्यजनों सहित नगरवासियों व संगठनों द्वारा महिला शक्ति दल अखाड़े के प्रशिक्षकों सहित पूरे अखाड़े का पुष्पवर्षा कर स्वागत किया गया।
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हाथ में शिवलिंग लिए बग्घी में सवार थीं अहिल्याबाई
शस्त्रकला के अतिरिक्त बग्घी में मां अहिल्या बाई सवार रहीं। उल्लेखनीय है कि अहिल्या बाई ने ज्योर्तिलिंगों का जीर्णोद्धार करवाया था। ऐसे में बग्घी में अहिल्या बाई के स्वरूप में विराजी बालिका ने हाथ में शिवलिंग ले रखा था।
महिला, बालिकाओं ने दिखाई शस्त्र कला
अखाड़े में मराठी वेशभूषा में युवतियां व महिलाएं शामिल हुईं। उनका जगह-जगह भव्य स्वागत किया गया। महिलाओं ने लाठी, भंवरजाल, बनेठी घुमाकर सभी को हैरत में डाल दिया। पिछले डेढ़ माह से दास हनुमान अखाड़ा बादशाही पुल द्वारा सनातन धर्म की परंपरा पुनर्स्थापित करने के लिए शक्ति दल के रूप में बालिकाओं और महिलाओं को शस्त्र चलाना सिखाया जा रहा था।
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