ऐतिहासिक और आध्यात्मिक नगरी ओरछा इस समय राम विवाह जन्मोत्सव की पारंपरिक और भव्य तैयारियों में सराबोर है। इसी उत्साहपूर्ण वातावरण के बीच एक विशेष और गरिमामयी उपस्थिति दर्ज हुई। मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती रामराजा सरकार के दर्शन करने पहुंचीं।
रामराजा सरकार के दरबार में दिनभर चल रहे प्रतिभोज कार्यक्रम के दौरान जब उमा भारती मंदिर प्रांगण में पहुँचीं, तो श्रद्धालुओं ने जोरदार जयकारों के साथ उनका स्वागत किया। वे सीधे गर्भगृह में पहुँचकर भगवान रामराजा सरकार के समक्ष कुछ देर ध्यानमग्न रहीं। पूजा-अर्चना भी की।
दर्शन के उपरांत जब वे श्रद्धालुओं के साथ प्रसादी ग्रहण करने बैठीं, तो उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा कि मैं तो राम राजा सरकार की बहन हूँ, और हम तो लड़के वाले हैं। उनका यह सहज और आत्मीय कथन सुनकर पंडाल तालियों और हँसी से गूंज उठा। इस टिप्पणी ने पूरे माहौल को और भी आनंदमय बना दिया। जब समिति ने आगामी दिन निकलने वाली भव्य बारात के बारे में जानकारी दी, तो उन्होंने उत्साहपूर्वक कहा कि मैं कल बारात में भी शामिल होऊंगी। यह हमारा सौभाग्य भी है और कर्तव्य भी।
इसी बीच, उमा भारती की उपस्थिति से उत्सव स्थल पर भक्तों का उत्साह चरम पर पहुंच गया। ओरछा की गलियां दीपकों, फूलों और पारंपरिक झांकियों से दुल्हन की तरह सजी हुई थीं। भजन मंडलियों की स्वर लहरियाँ और पंगत में उमड़ती श्रद्धालुओं की भीड़ उत्सव की दिव्यता को और बढ़ा रही थी।
इस कार्यक्रम की सबसे यादगार झलक तब देखने को मिली जब उमा भारती ने मंच पर बुंदेली लोकगीतों की मनमोहक प्रस्तुति दी। उन्होंने “दिन सोने का कीजो महाराज…” और “मुख में हो राम नाम सेवा हाथ में गीत…” जैसे भक्तिमय गीत इतनी लय और भाव से गाए कि हजारों श्रद्धालु मंत्रमुग्ध हो उठे। लोग बड़ी संख्या में उनके गीत सुनने के लिए मंच के निकट एकत्रित हो गए।
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अंत में उमा भारती ने कहा कि ओरछा की भक्ति, प्रेम और आस्था का रस पूरे भारत में अद्वितीय है, और यहाँ आकर उन्हें हमेशा आध्यात्मिक शांति मिलती है। देर रात तक प्रसादी, भजन और परंपरागत रस्मों का कार्यक्रम चलता रहा, जिसमें उनकी उपस्थिति इस उत्सव को और ऐतिहासिक बना गई।