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मोगा में भारतीय किसान यूनियन (लाखोवाल) की बैठक का आयोजन
भारतीय किसान यूनियन (लाखोवाल) की ओर से मोगा जिले के गांव दुननेके स्थित यूनियन कार्यालय में आज जिले भर के किसान नेताओं व किसानों के साथ एक हंगामी बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में यूनियन के सूबा प्रधान हरिंदर सिंह लाखोवाल विशेष रूप से पहुंचे।
मीडिया को जानकारी देते हुए सूबा प्रधान हरिंदर सिंह लाखोवाल ने बताया कि इस बैठक का मुख्य उद्देश्य 13 दिसंबर को चंडीगढ़ में संयुक्त किसान मोर्चा की हुई बैठक में लिए गए फैसलों को लेकर रणनीति तय करना था। उन्होंने कहा कि बैठक में बिजली संशोधन बिल और बीज संशोधन बिल के विरोध का फैसला लिया गया है।
हरिंदर सिंह लाखोवाल ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा लाए जा रहे बिजली संशोधन बिल का भारतीय किसान यूनियन (लाखोवाल) कड़ा विरोध करेगी। जिस दिन यह बिल पास किया जाएगा, उसके अगले दिन से ही बड़ा संघर्ष शुरू किया जाएगा। इसके साथ ही बीज संशोधन बिल की भी यूनियन कड़ी निंदा करती है और आने वाले दिनों में इसके खिलाफ भी जोरदार आंदोलन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बिजली संशोधन बिल केवल किसानों के लिए ही नहीं, बल्कि आम जनता के लिए भी बेहद नुकसानदायक साबित होगा। सरकार बिजली क्षेत्र को कॉरपोरेट घरानों के हवाले करने जा रही है और जमीन भी कॉरपोरेट घरानों को सौंपी जा रही है। आने वाले समय में इससे न सिर्फ किसान, बल्कि आम जनता को भी भारी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने आशंका जताई कि बिजली के लिए रिचार्ज सिस्टम लागू हो सकता है और सभी प्रकार के रिपेयर का खर्च भी उपभोक्ताओं को खुद उठाना पड़ेगा और बिजली भी महंगा खरीदना होगा इसी कारण किसानों के साथ-साथ आम जनता को भी इस बिल का विरोध करना चाहिए। उन्होंने बताया कि 30 दिसंबर से 4 जनवरी तक गांव-गांव में मोटरसाइकिल मार्च निकाले जाएंगे और घर-घर जाकर लोगों को इन बिलों के प्रति जागरूक किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अनुमान है कि 16 या 17 जनवरी को सरकार संसद में बिजली संशोधन बिल पास करने जा रही है। जिस दिन यह बिल लागू होगा, उसके अगले दिन रेल रोको आंदोलन किया जाएगा और टोल प्लाजा तीन घंटे के लिए फ्री करवाए जाएंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि यूनियन पूरी तरह तैयार है और किसी भी हालात में पंजाब में यह बिल लागू नहीं होने दिया जाएगा। बैठक में मौजूद किसानों को संबोधित करते हुए हरिंदर सिंह लाखोवाल ने कहा कि किसानों को एकजुट होकर साझी खेती की ओर बढ़ना चाहिए। अलग-अलग मशीनरी खरीदने के बजाय 6-7 किसान मिलकर खेती की मशीनें खरीदें, ताकि छोटे किसान भी आसानी से खेती कर सकें। उन्होंने सुझाव दिया कि रोजाना की जरूरतों जैसे सब्जी और दूध के लिए बाजार से महंगा न खरीद । किसानों के फसल ही किसानों को महंगा दामों पर खरीदना होता हे जबकि किसान अगर बेचने जाए तो उनको सही दाम नहीं मिलता इस करके कोई किसान आलू उगाए, कोई प्याज, कोई सब्जियां और कोई डेयरी फार्म चलाए, ताकि किसान आपस में ही एक-दूसरे से खरीदे ताकि किसके ऊपर जायदा बोझ न आए। उन्होंने किसानों से अपील की कि वे अपनी जमीन न बेचें और बच्चों को जमीन बेचकर विदेश भेजने के बजाय पंजाब में ही रोजगार के अवसर तलाशें। उन्होंने कहा कि हमारा देश धीरे-धीरे कॉरपोरेट घरानों के हाथों में जा रहा है। अगर अभी भी नहीं संभले, तो आने वाले समय में हमें अपनी ही फसलें महंगे दामों पर बाजार से खरीदनी पड़ेंगी। इस करके सभी को एक जुट होकर इस बिजली संशोधन बिल का विरोध करना चाहिए।
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