कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार की गाइड लाइन के तहत पूरे देश में अवैध रूप से रह रहे पाकिस्तानी और बांग्लादेशी नागरिकों की पहचान और उन्हें उनके देश वापस भेजने का अभियान तेज कर दिया गया है। इसी क्रम में अलवर जिले में भी पुलिस ने सख्त कार्रवाई करते हुए अब तक 117 बांग्लादेशी नागरिकों को डिटेन किया है। इनमें महिलाएं, बच्चे और युवा शामिल हैं, जो मुख्यतः ईंट-भट्टों पर मजदूरी का कार्य कर रहे थे।
पुलिस की ओर से रामगढ़, राजगढ़ और बगड़ तिराहा क्षेत्रों में चलाए गए सघन अभियान के दौरान इन विदेशी नागरिकों को पकड़ा गया। इसी तरह भिवाड़ी क्षेत्र से भी करीब 60 बांग्लादेशी नागरिकों को हिरासत में लिया गया है।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक डॉ. तेजपाल सिंह ने बताया कि केंद्र सरकार के निर्देशों के अनुरूप जिला पुलिस इनकी पहचान और डिटेन करने का कार्य कर रही है। यह अभियान पहलगाम आतंकी हमले के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए चलाया जा रहा है।
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इसी कड़ी में पुलिस को सूचना मिली थी कि जिले में कई ईंट भट्टों पर बड़ी संख्या में बांग्लादेशी नागरिक काम कर रहे हैं। इस पर पुलिस ने विभिन्न भट्टों पर छापेमारी की, जहां से डिटेन किए गए नागरिकों को हिरासत में लिया गया। इनमें महिलाएं, छोटे बच्चे, युवा पुरुष और वृद्ध सभी शामिल हैं। फिलहाल इन्हें विभिन्न थानों में रखा गया है, जहां से इन्हें डिटेंशन सेंटर स्थानांतरित किया जाएगा।
पुलिस इनसे पूछताछ कर यह जानने का प्रयास कर रही है कि वे भारत में किस रास्ते से और किन लोगों की मदद से दाखिल हुए और क्या उनके पास कोई वैध दस्तावेज हैं। इसके अलावा यह भी जांच की जा रही है कि भारत में उनके कागजात कैसे और कहां बनाए गए।
अधिकारियों ने बताया कि जिले में पाकिस्तानी और बांग्लादेशी नागरिकों की पहचान और उन्हें उनके वतन वापस भेजने का यह अभियान अगले दिनों में भी जारी रहेगा। पुलिस ने आम नागरिकों से अपील की है कि यदि उन्हें अवैध रूप से रह रहे किसी संदिग्ध की जानकारी मिलती है तो वे तुरंत पुलिस को सूचित करें।