मुस्लिम समुदाय की ओर से रविवार को बांसवाड़ा में यौमे आशूरा (मोहर्रम पर्व) मातमी माहौल में मनाया गया। शहर की विभिन्न मस्जिदों से ढोल-नगाड़ों के साथ ताजियों का जुलूस निकाला गया। परंपरागत मार्गों से होता हुआ यह जुलूस देर शाम कर्बला पहुंचा, जहां ताजियों को ठंडा किया गया।
रविवार दोपहर जोहर की नमाज के बाद जामा मस्जिद, कंधारवाड़ी, मकरानीवाड़ा, गोरखइमली, पृथ्वीगंज, खांदू कॉलोनी आदि मस्जिदों से जुलूस निकाले गए। इनमें ढोल-नगाड़ों के साथ मुस्लिम समाज के पंच, संस्थाओं के पदाधिकारी, समाज के वरिष्ठजन और बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए।
जामा मस्जिद, कंधारवाड़ी और मकरानीवाड़ा के ताजिए आज़ाद चौक पहुंचे, जहां से जुलूस महालक्ष्मी चौक, भोजापालिया, पैलेस रोड, पीपली चौक होते हुए डायलाब पहुंचा। वहीं, पृथ्वीगंज और गोरखइमली मस्जिद से निकले ताजिए कालिका माता, आजाद चौक, पीपली चौक और गांधी मूर्ति से होते हुए राजतालाब पहुंचे, जहां उन्हें देर शाम ठंडा किया गया।
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दिखाए गए हैरतअंगेज करतब
जुलूस के दौरान धार्मिक प्रतीकों के साथ युवाओं ने हैरतअंगेज करतब भी दिखाए। इसमें आग के बीच से बाइक निकालना, ट्यूबलाइट्स की रेलिंग तोड़ना, सिर पर ट्यूबलाइट फोड़ना, कांच चबाना, आग के नीचे लेटना, आग लगाकर लटकना और समूह में मुद्दर घुमाने जैसे साहसिक प्रदर्शन शामिल थे।
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सुरक्षा के कड़े इंतजाम
जुलूस के दौरान सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए थे। एएसपी डॉ. राजेंद्र भारद्वाज, डिप्टी गोपीचंद मीणा, संदीप सिंह और शहर कोतवाली थाना प्रभारी देवीलाल मीणा के नेतृत्व में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा।