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Banswara News: Village Development Officer arrested for obtaining job using fake disability certificate
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Banswara: जाली दिव्यांग प्रमाण पत्र से नौकरी पाने वाला ग्राम विकास अधिकारी गिरफ्तार, दो साल से कर रहा था नौकरी
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, बांसवाड़ा Published by: बांसवाड़ा ब्यूरो Updated Mon, 27 Oct 2025 09:22 PM IST
बांसवाड़ा में फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र के आधार पर सरकारी नौकरी हासिल करने वाले ग्राम पंचायत भुवासा के ग्राम विकास अधिकारी को घाटोल थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया है। वह दो साल से नौकरी कर रहा था। मेडिकल बोर्ड की जांच में उसकी कारस्तानी की कलई खुल गई।
पुलिस अधीक्षक सुधीर जोशी ने बताया कि घाटोल पंचायत समिति के तत्कालीन विकास अधिकारी जितेंद्रसिंह चूण्डावत ने 7 दिसंबर 2023 को घाटोल थाने पर रिपोर्ट दी। रिपोर्ट में बताया कि राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड, जयपुर द्वारा ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के लिए राजस्थान पंचायतीराज नियम, 1996 एवं राजस्थान अनुसूचित क्षेत्र अधीनस्थ मंत्रालयिक एवं चतुर्थ श्रेणी सेवा (भर्ती एवं अन्य सेवा शर्तें) नियम 2014 के अन्तर्गत ग्राम विकास अधिकारी सीधी भर्ती-2021 के पदों पर निर्धारित प्रपत्र में ऑनलाईन आवेदन आमंत्रित किए थे। इसमें लोकेश कुमार प्रजापत पुत्र लालजी प्रजापत निवासी मुंगाणा ने ऑनलाईन आवेदन क्रमांक 202117241728 के माध्यम से दिव्यांगजन श्रेणी (एलडीसीपी) में आवेदन किया था।
भर्ती परीक्षा के बाद आवेदित श्रेणी की वरीयता में स्थान प्राप्त करने पर विभाग ने लोकेश प्रजापत के दस्तावेजों का सत्यापन किया। इसमें लोकेश ने जो निःशक्तता प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया, उसमें निःशक्तता 40 प्रतिशत अंकित थी। इसी आधार पर 28 मार्च 2023 को पंचायतीराज विभाग ने भर्ती में सफल रहे अभ्यर्थियों की सूची चयन एवं पंचायत समिति आवंटन की प्रकिया पूर्ण करने के लिए उपलब्ध करवाई। चयन आदेश जारी होने पर लोकेश को घाटोल पंचायत समिति का आवंटन कर दो साल के परिवीक्षा काल के रूप में ग्राम पंचायत भुवासा में नियुक्ति दी गई।
मेडिकल बोर्ड की जांच में खुलासा
ग्रामीण विकास और पंचायतीराज विभाग ने ग्राम विकास अधिकारी भर्ती के तहत अंतिम रूप से चयनित दिव्यांग श्रेणी के अभ्यर्थियों की जांच के लिए 1 जून 2023 को मेडिकल बोर्ड का जिला स्तर पर गठन कराने का निर्णय किया। मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट का परीक्षण करने के उपरान्त दिव्यांगजन के मापदण्डों को पूर्ण नहीं करने वाले अभ्यर्थियों के संबंध आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिए गए। विभागीय निर्देश की पालना में दिव्यांग श्रेणी में चयनित अभ्यर्थियों की मेडिकल जांच जिला स्तरीय मेडिकल बोर्ड ने की। बोर्ड ने 16 अगस्त 2023 को लोकेश कुमार प्रजापत का मेडिकल परीक्षण किया। इसकी रिपोर्ट में लोकेश की निशक्तता 30 प्रतिशत पाई गई और उसकी ओर से पेश निशक्तता प्रमाण पत्र कूटरचित प्रतीत हुआ। इस पर पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर अनुसंधान आरंभ किया।
प्रमाण पत्र में की कांट-छांट
एएसपी डाॅ. राजेंद्र भारद्वाज और घाटोल डिप्टी महेंद्र कुमार के निर्देशन में थानाधिकारी निर्भयसिंह ने अनुसंधान के दौरान पुलिस ने आरोपी लोकेश को सोमवार को गिरफ्तार किया। उसने बताया कि वर्ष 2021 में जारी 40 प्रतिशत से कम विकलांगता प्रमाण पत्र में कांट-छांट कर उसके आधार पर 40 प्रतिशत विकलांग का ऑनलाइन प्रमाण पत्र बनवाकर ग्राम विकास अधिकारी भर्ती परीक्षा में सम्मिलित होकर नियुक्ति पाई थी। पुलिस मामले में आरोपी से पूछताछ कर रही है।
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