मौत को सामने देखकर भी मुस्कुराकर जीना क्या होता है, जालौर की बेटी प्रियंका उर्फ पीहू ने यह सिखा दिया। 27 वर्षीय प्रियंका का 2 सितंबर को कैंसर से निधन हो गया, लेकिन उनके आखिरी पलों की यादें हर किसी को भावुक कर गईं। ICU में मशीनों से घिरी होने के बावजूद वह मुस्कुरा रही थीं और परिवार से कह रही थीं “मैं हंसते हुए मरूंगी।”
जिले के आहोर क्षेत्र के पचानवा गांव निवासी ज्वेलर नरपत सिंह की बेटी प्रियंका की शादी जनवरी 2023 में रानीवाड़ा के भाटवास निवासी बिल्डर लक्ष्यराज सिंह भाटवास से हुई थी। शादी के कुछ ही समय बाद प्रियंका के पैरों में दर्द शुरू हुआ। शुरुआत में इसे सामान्य समझा गया, लेकिन मुंबई में जांच के बाद पता चला कि वह इविंग सार्कोमा नामक दुर्लभ हड्डी के कैंसर से पीड़ित हैं। इसके बाद लगातार इलाज और ऑपरेशनों का सिलसिला चला। मार्च 2023 में पहली सर्जरी, जून 2024 में दूसरी और अगस्त 2024 में तीसरी सर्जरी उदयपुर के पेसिफिक अस्पताल में हुई। आखिरकार डॉक्टरों ने परिवार को बता दिया कि अब प्रियंका के पास अधिक समय नहीं है।
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इसके बावजूद प्रियंका ने हिम्मत नहीं हारी। उनके पिता नरपत सिंह बताते हैं 25 अगस्त को जब रिश्तेदार और ससुराल वाले अस्पताल आए, तो उसने अचानक कहा, पापा एक केक लाओ, मैं अपने आखिरी पलों को सेलिब्रेट करना चाहती हूं। उस पर लिखना पीहू-लकी। आईसीयू में पति लक्ष्यराज के साथ केक काटने और सेलिब्रेट करने का वह पल हर किसी को रुला गया। अस्पताल का स्टाफ तक भावुक हो उठा। प्रियंका सबको बुलाकर केक खिलाती रही और कहती रही- मैं जल्दी ठीक होकर घर जाऊंगी। परिवार और ससुराल वाले आईसीयू की गैलरी में रोते रहे, लेकिन उसके सामने किसी ने आंसू नहीं बहाए।
2 सितंबर को अचानक प्रियंका की तबीयत बिगड़ी। उन्होंने भाई जयपाल से कहा- तूने खाना नहीं खाया, जाकर खा ले। मैं कहीं नहीं जा रही। और इसके करीब 20 मिनट बाद वह मुस्कुराते हुए हमेशा के लिए शांत हो गईं।
अपनी बेटी को याद करते हुए पिता कहते हैं- मेरी बेटी ने हमें सिखाया कि जिंदगी चाहे कितने भी दर्द दे, मुस्कुराकर कैसे जीना चाहिए।