राजस्थान विधानसभा के 16वीं विधानसभा के चौथे सत्र की कार्यवाही में जारी गतिरोध पर राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है। मुख्य सचेतक और जालौर विधायक जोगेश्वर गर्ग ने कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि गतिरोध की असली जड़ कांग्रेस की असंसदीय मांग और उनकी जिद है।
सर्वदलीय बैठक से शुरू हुआ विवाद
गर्ग ने बताया कि सत्र शुरू होने से चार दिन पहले विधानसभा अध्यक्ष ने सर्वदलीय बैठक बुलाई थी। कांग्रेस ने 28 तारीख को इसमें शामिल होने का वादा किया था, लेकिन ऐन वक्त पर बहिष्कार कर दिया। उन्होंने शर्त रखी कि पीसीसी अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा से संबंधित टिप्पणी को निरस्त कर रिकॉर्ड से हटाया जाए, तभी वे सदन में आएंगे। अध्यक्ष ने इस शर्त को मानने से इनकार कर दिया और तभी से कांग्रेस लगातार गतिरोध पैदा कर रही है।
डोटासरा पर साधा निशाना
मुख्य सचेतक ने आरोप लगाया कि डोटासरा ने आसन के प्रति हल्के शब्दों का प्रयोग किया था, जिसके जवाब में अध्यक्ष ने टिप्पणी की थी। अब कांग्रेस उसी टिप्पणी को रिकॉर्ड से हटवाने की जिद कर रही है। उन्होंने कहा कि डोटासरा इतने हल्के आरोप लगा चुके हैं कि उन्हें दोहराते हुए भी शर्म आती है। लोकतंत्र में बड़े नेता होने के नाते उन्हें अपनी जुबान पर संयम रखना चाहिए, लेकिन आज तक उन्होंने न तो खेद जताया और न ही अफसोस प्रकट किया।
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‘कांग्रेस बहानेबाजी कर रही है’
गर्ग ने कहा कि कांग्रेस बहानेबाजी में लगी है- कभी कैमरे का मुद्दा उठाती है, कभी माइक का, तो कभी बोलने नहीं देने का। उन्होंने साफ कहा कि न तो किसी की निजता भंग हुई है और न ही किसी अधिकार का हनन हुआ है। यह केवल पीसीसी चीफ की जिद है कि वे कुछ भी कहें और उन पर कोई टिप्पणी न हो।
‘खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे वाली स्थिति’
मुख्य सचेतक ने कांग्रेस के आरोपों को तथ्यहीन बताया और कहा कि यह केवल खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे वाली स्थिति है। उन्होंने उम्मीद जताई कि ईश्वर कांग्रेस नेताओं को सद्बुद्धि देगा और वे इस तरह की राजनीति बंद करेंगे।
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