राजस्थान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने मंगलवार को जोधपुर में प्रेस से बातचीत में भाजपा सरकार और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा पर तीखे हमले किए। बाड़मेर रवाना होने से पहले डोटासरा ने कहा कि वे वरिष्ठ नेता कर्नल सोनाराम चौधरी के निधन पर श्रद्धांजलि देने मोहनगढ़ जा रहे हैं। डोटासरा ने अतिवृष्टि से हुई तबाही पर सरकार को घेरते हुए कहा कि प्रदेश में 80 लोगों की मौत हो चुकी है लेकिन मुख्यमंत्री अपनी जिम्मेदारी निभाने की बजाय केवल अपनी कुर्सी बचाने में लगे हैं। दिल्ली से लगातार फीडबैक लिया जा रहा है और उनकी कुर्सी जाना तय है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने कांग्रेस सरकार की पांच साल की मेहनत को डेढ़ साल में बर्बाद कर दिया।
कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ीलाल मीणा को लेकर डोटासरा ने कहा कि किसान खाद और बीज के लिए परेशान हैं, जबकि मंत्री हेलीकॉप्टर में घूम रहे हैं। मुख्यमंत्री ने मंत्री बेढम और किरोड़ी को एक ही हेलीकॉप्टर में बैठा दिया, मानो बकरी और शेर को एक पिंजरे में डाल दिया हो। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जनता से नहीं मिलते और जब मिलते हैं, तो काम नहीं करते। बरसात को मुख्यमंत्री के अच्छे भाग्य से जोड़ने वाले मंत्री के बयान पर डोटासरा ने कहा कि अगर बारिश भाग्य से होती है, तो अतिवृष्टि से हुई मौतों की जिम्मेदारी भी मुख्यमंत्री को लेनी चाहिए। यह विज्ञान का जमाना है, ऐसी बातें बेवकूफी हैं। निकाय चुनाव को लेकर उन्होंने कहा कि संविधान में पांच साल में चुनाव कराने का प्रावधान है, लेकिन भाजपा सरकार इसे टाल रही है। अदालत में यह मामला लंबित है और सरकार को कोई राहत नहीं मिलेगी। आगामी उपचुनाव को लेकर उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस यहां जीत दर्ज करेगी। उन्होंने कहा कि यह जनता की सरकार नहीं, टाइम पास करने वाली सरकार है।
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नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने सर्किट हाउस में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि आने वाले विधानसभा सत्र में वे विभिन्न मुद्दों पर सरकार को घेरेंगे। इसके लिए सभी साथियों के साथ रणनीति तैयार की जाएगी और किन मुद्दों पर हमला किया जा सकता है, उस पर विचार होगा। जूली ने मुख्यमंत्री के बार-बार दिल्ली दौरे पर भी जुबानी हमला करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री सिर्फ दिल्ली दौरे कर रहे हैं, जबकि राजस्थान में किसी के काम नहीं हो रहे। किसान और युवा परेशान हैं और कानून व्यवस्था चौपट है। उन्होंने पंचायत चुनाव की स्थिति पर कहा कि संविधान के अनुसार चुनाव कराए जाने चाहिए लेकिन सरकार इसे नहीं करवा रही। नगर निकाय और पंचायतें खाली पड़ी हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश में न तो विधायक और न ही मंत्रियों की कोई सुनवाई हो रही है। मुख्यमंत्री दिल्ली से फीडबैक ले रहे हैं लेकिन यह हास्यास्पद है कि राजस्थान के विधायकों और सांसदों को अपनी बात कहने के लिए दिल्ली जाना पड़ता है। उन्होंने कहा कि थोड़ी बारिश होने पर कलेक्टर छुट्टी का आदेश दे देते हैं, जबकि जर्जर स्कूलों की हालत सुधारने में सरकार विफल है। भारत मंडप के लिए 3,200 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं, जबकि यह पैसा विद्यालयों में लगाया जाना चाहिए। जूली ने कहा कि मुख्यमंत्री अपने जिले के जिला प्रमुख का उपचुनाव नहीं करवा रहे, तानाशाही चल रही है और भ्रष्टाचार चरम पर है। मुख्य सचिव ने भी कहा था कि आधे से अधिक कलेक्टरों का रिकॉर्ड अच्छा नहीं है। संसदीय कार्य मंत्री ने केबिनेट ब्रीफिंग में कहा था कि मुख्यमंत्री विधायकों और सांसदों से फीडबैक लेंगे, लेकिन क्या ये केवल भाजपा के ही विधायक हैं? मुख्यमंत्री तो सबके हैं, फिर दूसरे विधायकों से इस बारे में कोई बात क्यों नहीं की गई?