पश्चिम मध्य रेलवे के कोटा मंडल में स्वदेशी तकनीक से निर्मित वंदे भारत स्लीपर ट्रेन (संस्करण–2) का अंतिम उच्च गति परीक्षण कोटा से नागदा रेल खंड के बीच सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। यह परीक्षण मुख्य आयुक्त रेल संरक्षा द्वारा 180 किलोमीटर प्रति घंटा की अधिकतम गति पर किया गया, जिसमें ट्रेन के सभी निर्धारित तकनीकी मानकों की गहन जांच की गई।
तकनीकी मानकों की व्यापक जांच
उच्च गति परीक्षण के दौरान ट्रेन की स्थिरता, दोलन, कंपन, आपातकालीन ब्रेक प्रणाली, संरक्षा प्रणाली सहित अन्य महत्वपूर्ण तकनीकी पहलुओं का परीक्षण किया गया। रेलवे अधिकारियों के अनुसार तेज गति के दौरान ट्रेन का प्रदर्शन संतोषजनक रहा, जिसके आधार पर इस ट्रायल को पूर्णतः सफल घोषित किया गया।
वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में ट्रायल
मुख्य रेल संरक्षा आयुक्त जनक कुमार गर्ग की उपस्थिति में हुए इस परीक्षण के दौरान मंडल रेल प्रबंधक अनिल कालरा सहित कोटा मंडल के वरिष्ठ शाखा अधिकारी मौके पर मौजूद रहे। इसके साथ ही अनुसंधान अभिकल्प एवं मानक संगठन, इंटीग्रल कोच फैक्टरी चेन्नई, मेधा सर्वो ड्राइव्स लिमिटेड तथा फेवली इंडिया प्रा. लि. के अधिकारी भी परीक्षण प्रक्रिया में शामिल रहे।
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दीर्घ दूरी यात्रियों के लिए आधुनिक सुविधाएं
परीक्षण में प्रयुक्त 16 कोचों की यह स्लीपर रेक दीर्घ दूरी की यात्रा को ध्यान में रखकर तैयार की गई है। ट्रेन में आरामदायक स्लीपर बर्थ, उन्नत सस्पेंशन प्रणाली, स्वचालित दरवाजे, आधुनिक शौचालय, अग्नि एवं संरक्षा निगरानी प्रणाली, सीसीटीवी आधारित सुरक्षा, डिजिटल यात्री सूचना प्रणाली और ऊर्जा दक्ष प्रणालियां उपलब्ध कराई गई हैं।
आगामी परिचालन की दिशा में अहम उपलब्धि
वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक सौरभ जैन ने बताया कि इस सफल उच्च गति परीक्षण के बाद वंदे भारत स्लीपर ट्रेन के आगामी परिचालन की दिशा में एक महत्वपूर्ण तकनीकी उपलब्धि हासिल हुई है। यह उपलब्धि भारतीय रेलवे की आत्मनिर्भर और आधुनिक रेल तकनीक की क्षमताओं को सशक्त रूप से प्रदर्शित करती है।