कोटपूतली-बहरोड़ में अरावली विरासत जन अभियान के तहत मंगलवार को नगर परिषद पार्क में विशाल जनसभा का आयोजन हुआ, जिसने पूरे क्षेत्र में जनआंदोलन का स्वरूप ले लिया। रैमन मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित ‘वॉटरमैन’ राजेन्द्र सिंह ने चेतावनी देते हुए कहा कि अरावली के बिना उत्तर भारत गंभीर जल संकट की चपेट में आ जाएगा। उन्होंने अरावली को राजस्थान की जल सुरक्षा की रीढ़ बताया।
राजेन्द्र सिंह ने कहा कि अरावली की चट्टानी संरचना वर्षा जल को भूमिगत भेजती है, जिससे चंबल, साबरमती, लूणी, बनास, साहिबी और सोता जैसी नदियां पोषित होती हैं। अरावली पर संकट आया तो पीने का पानी, खेती और जैव विविधता सब प्रभावित होंगे। उन्होंने इस आंदोलन को भावी पीढ़ियों के भविष्य से जोड़ते हुए संघर्ष को और तेज करने का आह्वान किया।
सभा में भारतीय किसान सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजन क्षीरसागर, महासचिव निशा सिद्धू, पीयूसीएल की राष्ट्रीय अध्यक्ष कविता श्रीवास्तव तथा राजस्थान अध्यक्ष भंवरलाल मेघवंशी ने कॉरपोरेट हितों के लिए अरावली के दोहन के प्रयासों पर कड़ा विरोध जताया। वक्ताओं ने कहा कि जनता ने ऐसे षड्यंत्रों को पूरी तरह खारिज कर दिया है। महिलाओं की सक्रिय भागीदारी को आंदोलन की मजबूती बताया गया।
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ग्रामीणों ने अजीतपुरा, पवाना अहीर, कायमपुराबास, अल्ट्राटेक सीमेंट क्षेत्र, शुक्लावास सड़क और शुक्लावास नदी में संचालित क्रेशरों को लेकर नाराजगी जताई। पवाना अहीर स्थित महिला छात्रावास की छात्राओं ने बताया कि रात्रिकालीन खनन और ब्लास्टिंग से छात्रावास में रहना मुश्किल हो गया है।
जनसभा के बाद हजारों ग्रामीण “अरावली बचाओ” के नारे लगाते हुए पैदल मार्च कर जिला कलेक्ट्रेट पहुंचे और प्रदर्शन किया। राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन जिला कलेक्टर प्रियंका गोस्वामी को सौंपकर सुप्रीम कोर्ट के अरावली से जुड़े आदेश को रिवोक करने की मांग की गई। आंदोलनकारियों ने साफ कहा कि जब तक आदेश वापस नहीं लिया जाएगा, अरावली विरासत जन अभियान का संघर्ष जारी रहेगा।