जिले के चौथ का बरवाड़ा-शिवाड़ मार्ग पर बुधवार देर शाम बड़ा हादसा टल गया। बनास नदी पर बनी डिडायच रपट पर यात्रियों से भरी एक बस पानी के तेज बहाव में बीचों-बीच फंस गई। बताया जा रहा है कि बस में 40 से ज्यादा यात्री सवार थे। चालक ने पानी का स्तर बढ़ने के बावजूद जोखिम उठाते हुए बस को नदी पार कराने की कोशिश की, लेकिन बीच में ही बस फंस गई। कुछ ही देर में बस के अंदर पानी भरने लगा और यात्रियों में चीख-पुकार मच गई।
सूचना मिलते ही आसपास के ग्रामीण मौके पर पहुंचे। उन्होंने ट्रैक्टर और लोडर की मदद से यात्रियों को निकालने की कोशिश की लेकिन तेज बहाव के कारण सफल नहीं हो सके। बाद में ग्रामीणों ने डंपर की मदद से सभी यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाला। इस दौरान बच्चों और महिलाओं में दहशत का माहौल था, जबकि सभी के चेहरों पर डर साफ झलक रहा था।
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जानकारी के अनुसार बीसलपुर बांध से एक बार फिर पानी छोड़े जाने के कारण बनास नदी में बहाव तेज हो गया था। इसके बावजूद चालक ने चेतावनी को नजरअंदाज किया और रपट पार करने की कोशिश की। हादसे के समय बस चौथ माता मंदिर के दर्शन कर लौट रहे यात्रियों से भरी थी, जो चित्तौड़ तहसील फागी (जयपुर) क्षेत्र के निवासी हैं।
स्थानीय लोगों ने बताया कि प्रशासन की लापरवाही के कारण यह घटना घटी। उनका कहना था कि न तो बीसलपुर या इसरदा बांध से पानी छोड़े जाने की पूर्व सूचना दी गई और न ही नदी के दोनों सिरों पर कोई चौकसी या कर्मचारी तैनात था।
गनीमत यह रही कि ग्रामीणों की सूझबूझ और साहस से बड़ा हादसा टल गया और यात्रियों की जान बच गई।