बाघों की अठखेलियों के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध सवाई माधोपुर के रणथंभौर टाइगर रिजर्व में सालभर देशी-विदेशी पर्यटकों की आवाजाही बनी रहती है। स्वछंद विचरण करते बाघों के दीदार के लिए देश ही नहीं, बल्कि सात समंदर पार से भी बड़ी संख्या में सैलानी रणथंभौर पहुंचते हैं, जिससे यहां का पर्यटन लगातार गुलजार रहता है।
दिसंबर-जनवरी माने जाते हैं पीक सीजन
रणथंभौर पर्यटन के लिहाज से दिसंबर और जनवरी का समय पीक सीजन माना जाता है। शीतकालीन छुट्टियों और नए साल के जश्न के चलते इस दौरान पर्यटकों की संख्या अचानक बढ़ जाती है। इसी को देखते हुए वन विभाग दिसंबर माह में ही पर्यटकों के लिए विशेष इंतजाम कर लेता है।
पहले ही दिखने लगी भारी भीड़
इस बार पीक सीजन से पहले ही रणथंभौर में पर्यटकों की खासा भीड़ नजर आने लगी है। हालात यह हैं कि आगामी करीब दो महीनों के लिए रणथंभौर की ऑनलाइन बुकिंग पूरी तरह फुल चल रही है। वन विभाग के अनुसार करंट बुकिंग की स्थिति भी लगभग यही बनी हुई है।
बिना बुकिंग आने वाले पर्यटक हो रहे परेशान
वन अधिकारियों का कहना है कि जिन पर्यटकों ने पहले से ऑनलाइन बुकिंग कर रखी है, उन्हें टाइगर सफारी में कोई परेशानी नहीं हो रही है। वहीं, बिना पूर्व बुकिंग रणथंभौर आने वाले पर्यटकों को करंट टिकट नहीं मिल पाने से कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। कई बार उन्हें बिना सफारी किए ही मायूस लौटना पड़ता है।
एनटीसीए गाइडलाइन बनी बड़ी बाधा
रणथंभौर में सफारी वाहनों की संख्या एनटीसीए की गाइडलाइन के अनुसार तय है। प्रति पारी अधिकतम 140 वाहन और दिन में दो पारियों में कुल 280 वाहन ही सफारी पर जा सकते हैं। इस निर्धारित सीमा के कारण सभी पर्यटकों को सफारी उपलब्ध कराना संभव नहीं हो पा रहा है।
यह भी पढ़ें- Rajasthan Board Exam: 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षाओं का टाइम टेबल घोषित, 12 फरवरी से शुरू होगी परीक्षा
अलग व्यवस्था भी साबित हो रही कम
बिना पूर्व बुकिंग आने वाले पर्यटकों के लिए वन विभाग ने अलग से पांच वाहनों की व्यवस्था की है, लेकिन मौजूदा भीड़ को देखते हुए यह व्यवस्था भी नाकाफी साबित हो रही है। पर्यटकों की संख्या इतनी अधिक है कि कई बार इन अतिरिक्त वाहनों से भी सभी को सफारी नहीं मिल पाती।
आगामी दिनों में और बढ़ेगी भीड़
रणथंभौर पर्यटन डीएफओ संजीव शर्मा का कहना है कि अभी से इतनी अधिक भीड़ है, तो आने वाले दिनों में पर्यटकों की संख्या और बढ़ने की संभावना है। वन विभाग पर्यटकों की तादाद को देखते हुए अलर्ट है और असुविधा न हो, इसके लिए प्रयास कर रहा है, हालांकि वाहनों की तय सीमा एक बड़ी चुनौती बनी हुई है।