राजस्थान में इन दिनों नगर निकायों में सेवा शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। इसी क्रम में सीकर नगर परिषद में चल रहे सेवा शिविर का निरीक्षण करने के लिए वन मंत्री संजय शर्मा अचानक पहुंच गए। औचक निरीक्षण के दौरान नगर परिषद कार्यालय में कई अधिकारी नदारद मिले। शिविर में आए आम लोगों से मंत्री ने बातचीत की, जिसमें सामने आया कि लोगों के काम महीनों से लंबित पड़े हैं और उनकी सुनवाई नहीं हो रही है।
स्थिति जानने के बाद वन मंत्री संजय शर्मा का गुस्सा फूट पड़ा। उन्होंने नगर परिषद के अधिकारियों की जमकर क्लास लगाई। इसी दौरान सीकर जिला कलेक्टर मुकुल शर्मा भी मौके पर पहुंच गए। जब वन मंत्री नगर परिषद के अधिकारियों से जवाब-तलब कर रहे थे, तब कलेक्टर मुकुल शर्मा अधिकारियों की बातों का समर्थन करते नजर आए।
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कलेक्टर के बीच में बोलने पर वन मंत्री संजय शर्मा और नाराज हो गए। उन्होंने करीब एक से डेढ़ मिनट तक कलेक्टर को सख्त लहजे में खरी-खरी सुनाई। मंत्री ने कहा कि जब मैं बात कर रहा हूं तो आप बीच में क्यों बोल रहे हैं। गुस्से में मंत्री ने हाथ में लिए कागज फेंक दिए और बाहर निकलते हुए कलेक्टर से कहा कि आप शिविर चलाइए, मैं इस पूरे मामले में मुख्यमंत्री से बात करूंगा।
इसके बाद कलेक्टर मुकुल शर्मा और अन्य अधिकारी भी उनके पीछे-पीछे निकल पड़े। इसी दौरान रास्ते में वन मंत्री की मुलाकात एक महिला से हुई, जो नगर परिषद में अवैध निर्माण की शिकायत लेकर आई थी। महिला की बात सुनने के बाद मंत्री ने कलेक्टर मुकुल शर्मा से कहा कि आप यहां चोरों को प्रोटेक्ट कर रहे हैं। गौरतलब है कि वन मंत्री संजय शर्मा नगर परिषद में औचक निरीक्षण के लिए न तो सरकारी गाड़ी से पहुंचे थे और न ही उनके साथ कोई एस्कॉर्ट था। ऐसे में किसी भी अधिकारी को उनके आने की पूर्व सूचना नहीं मिल सकी, जिसके कारण व्यवस्थाओं की वास्तविक स्थिति सामने आ सकी।