भारत के बाद अब यूरोप की कई डाक सेवाओं ने शनिवार को घोषणा की कि वे अमेरिका को पार्सल भेजना अस्थायी रूप से बंद कर रही हैं। ऐसा उन्होंने अमेरिका की ओर से लागू किए जा रहे नए आयात शुल्कों यानी (टैरिफ) को लेकर अस्पष्टता की वजह से किया है। आपको बता दें कि जर्मनी, डेनमार्क, स्वीडन और इटली की डाक सेवाओं ने कहा है कि वे तुरंत प्रभाव से अमेरिका को ज्यादातर व्यापारिक सामान भेजना बंद कर रही हैं। फ्रांस और ऑस्ट्रिया सोमवार से और ब्रिटेन मंगलवार से यह कदम उठाएंगे।
पिछले महीने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए गए थे, जिसके तहत अब उन विदेशी वस्तुओं पर भी टैरिफ लगेगा जो पहले 800 डॉलर से कम होने पर शुल्क से मुक्त थीं। लेकिन, पत्र, किताबें, उपहार और 100 डॉलर से कम के छोटे पार्सल पर यह नियम लागू नहीं होगा। अमेरिका और यूरोपीय संघ (ईयू) के बीच पिछले महीने हुए व्यापार समझौते में यह तय हुआ था कि यूरोपीय संघ से आने वाले अधिकांश उत्पादों पर 15 फीसदी टैरिफ लगाया जाएगा।
कई यूरोपीय डाक सेवाओं का कहना है कि वे इसलिए डिलीवरी रोक रही हैं क्योंकि उन्हें यह भरोसा नहीं है कि भेजे गए सामान 29 अगस्त से पहले अमेरिका पहुंच पाएंगे। इसके अलावा, यह भी स्पष्ट नहीं है कि किन वस्तुओं पर टैरिफ लागू होगा और उन्हें नई प्रक्रिया को समझने और लागू करने के लिए समय भी नहीं मिला है। शनिवार से डॉयचे पोस्ट और DHL पार्सल जर्मनी ने कहा कि वे अब अमेरिका के लिए व्यापारिक ग्राहकों के सामान वाले पार्सल स्वीकार नहीं करेंगे और उन्हें भेज नहीं पाएंगे। नॉर्डिक लॉजिस्टिक कंपनी पोस्टनॉर्ड और इटली की डाक सेवा ने भी शनिवार से ऐसी ही रोक लगाने की घोषणा की।
पोस्ट इटालियाने ने शुक्रवार को कहा कि अमेरिकी अधिकारियों से अलग निर्देश नहीं मिलने की स्थिति में इटली की डाक सेवा भी अन्य यूरोपीय सेवाओं की तरह अमेरिका के लिए सभी व्यापारिक पार्सल को अस्थायी रूप से रोकने पर मजबूर है। लेकिन, जिन पार्सल में कोई सामान नहीं है, उन्हें भेजना जारी रहेगा। उन्होंने यह भी बताया कि DHL एक्सप्रेस जैसी सेवाओं के माध्यम से भेजना अभी भी संभव है।