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भारतीय वायुसेना के हमले के बाद पाक सेना ने बालाकोट से हटाए आतंकियों के शव

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला Published by: यशवीर सिंह Updated Wed, 13 Mar 2019 12:22 PM IST
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After IAF strike bodies were sent from Balakot to Khyber Pakhtunkhwa: American activists from Gilgit
गिलगित का रहनेवाला अमेरिकी कार्यकर्ता - फोटो : ANI
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पाकिस्तानी मीडिया में खबरें चल रही हैं कि भारतीय वायुसेना के औचक हमले के बाद बालाकोट में मारे गए आतंकियों के शवों को खैबर पख्तूनख्वा के ही अन्य इलाकों में ठिकाने लगा दिया गया है। इन दिनों अमेरिका में रह रहे गिलगित के सेंगे हसनान सेरिंग ने एक ट्वीट के जरिये एक सूचना शेयर की है। अपने दावे के समर्थन में हसनान ने एक वीडियो भी शेयर किया है।

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उनका दावा है कि पाकिस्तानी सेना ने भारतीय वायुसेना के हमले में मारे गए आतंकियों को शहीद मानते हुए उन्हें खैबर पख्तूनख्वा के साथ ही अन्य कबायली इलाकों में सुपुर्द-ए-खाक कर दिया है। हसनान के वीडियो में पाकिस्तानी सेना का एक अधिकारी यह कहता हुआ सुना जा सकता है कि इस हमले में 200 से ज्यादा आतंकी मारे गए हैं।
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पाकिस्तानी सेना ने सभी मारे गए आतंकियों को 'शहीद' और 'मुजाहिद' का दर्जा देते हुए कश्मीर में आजादी की लड़ाई जारी रखने का प्रण किया है। साथ ही सेना ने मारे गए आतंकियों के परिजनों की मदद का भी भरोसा दिया है।

समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में सेरिंग ने कहा कि उन्हें निश्चित तौर पर यह जानकारी नहीं है कि बालाकोट में क्या था, लेकिन यह तय है कि वहां कुछ न कुछ हुआ जरूर है। यही वजह है कि पाकिस्तानी सरकार और सेना मामले को छुपा रही है। उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर क्यों अंतरराष्ट्रीय और स्थानीय मीडिया को घटनास्थल पर जाने और नुकसान के आकलन की इजाजत नहीं दी जा रही है।

वीडियो यहां देखें:

 




पाकिस्तान लगातार कह रहा है कि हवाई हमला हुआ और इससे जंगल और खेत की कुछ जमीनों को नुकसान पहुंचा है। लेकिन इसके बाद ऐसी कोई वजह नहीं है जिससे पाकिस्तान ने लंबे समय से इस इलाके में जाने पर पाबंदी लगा रखी है और अंतरराष्ट्रीय मीडिया को वहां के हालात के बारे में स्वतंत्र राय बनाने नहीं दे रहे।

उन्होंने कहा कि, "इसके साथ ही, जैश-ए-मोहम्मद का दावा है कि वहां उसका मदरसा मौजूद था। साथ ही साथ उर्दू मीडिया में ऐसी खबरें है कि हमले के दूसरे दिन या कुछ दिनों बाद कुछ शवों को बालाकोट से खैबर पख्तूनख्वा और पाकिस्तान के कबायली इलाकों में भेजा गया।

इसलिए ऐसे काफी सबूत हैं जिससे विश्वास के साथ कहा जा सकता है कि बालाकोट में भारतीय वायुसेना का हवाई हमला सफल था और पाकिस्तान इससे उलटा कुछ भी साबित नहीं कर पाया है। क्योंकि उसने अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय मीडिया को घटनास्थल में जाने की अनुमति नहीं दी है। गौरतलब है कि 14 फरवरी को पुलवामा में हुए एक आत्मघाती हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी। 

पुलवामा में हुए आतंकी हमले के 12 दिनों बाद 26 फरवरी मंगलवार को भारत ने पाकिस्तान के बालाकोट में जैश के आतंकी प्रशिक्षण शिविर पर हमला कर 325 आतंकवादी और आतंकियों के ट्रेनर का सफाया कर दिया।

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