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भूटान: 4 दिवसीय दौरे पर पहुंचे सेना प्रमुख जनरल द्विवेदी; डोकलाम के आस-पास चीनी गतिविधियों की करेंगे समीक्षा
वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, थिम्फू
Published by: शिव शुक्ला
Updated Tue, 01 Jul 2025 02:21 AM IST
सार
डोकलाम पठार भारत के सामरिक हित के लिए खासा महत्वपूर्ण है। चीन की ओर से सड़क का विस्तार करने की कोशिश 2017 में डोकलाम ट्राई-जंक्शन पर गतिरोध शुरू हुआ था। इस क्षेत्र पर भूटान अपना दावा करता है और भारत भूटान के दावे का समर्थन करता है।
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जनरल उपेंद्र द्विवेदी, सेना प्रमुख
- फोटो : एएनआई
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विस्तार
भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने सोमवार को भूटान की 4 दिवसीय यात्रा शुरू की। इसका उद्देश्य दोनों देशों के बीच सैन्य संबंधों को और मजबूत करना है। यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब चीन डोकलाम पठार के आसपास रणनीतिक ढंग से अपनी सैन्य गतिविधियों को तेज कर रहा है। जनरल द्विवेदी भूटान की राजधानी थिम्पू में राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक से मुलाकात करेंगे। वे इस दौरान भूटानी सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल बाटू शेरिंग के साथ विस्तृत वार्ता करेंगे। यह दौरा 30 जून से 3 जुलाई तक चलेगा और इस दौरान क्षेत्रीय सुरक्षा परिदृश्य तथा डोकलाम पठार पर चीन की गतिविधियों पर चर्चा होने की संभावना है।
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भारतीय सेना ने कहा कि यह यात्रा दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग को और गहरा करेगी तथा भारत की अपने पड़ोसी के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है। जनरल द्विवेदी की भूटानी वार्ताकारों के साथ बातचीत में डोकलाम पठार की समग्र स्थिति के साथ क्षेत्र में चीनी गतिविधियों पर भी चर्चा होने की उम्मीद है। 2017 में डोकलाम ट्राई-जंक्शन में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच 73 दिनों तक चले गतिरोध की पृष्ठभूमि में पिछले कुछ वर्षों में भारत और भूटान के बीच रणनीतिक संबंधों में तेजी देखी गई।
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क्षेत्र में भूटान के दावे का समर्थन करता है भारत
गौरतलब है कि डोकलाम पठार भारत के सामरिक हित के लिए खासा महत्वपूर्ण है। चीन की ओर से सड़क का विस्तार करने की कोशिश 2017 में डोकलाम ट्राई-जंक्शन पर गतिरोध शुरू हुआ था। इस क्षेत्र पर भूटान अपना दावा करता है और भारत भूटान के दावे का समर्थन करता है। भारत ने निर्माण का कड़ा विरोध किया था क्योंकि इससे उसके समग्र सुरक्षा हितों पर असर पड़ता। भूटान चीन के साथ 400 किलोमीटर से अधिक लंबी सीमा साझा करता है। दोनों देशों ने विवाद को सुलझाने के लिए कई सीमा वार्ताएं की हैं।
भारत-भूटान ने की विकास साझेदारी की समीक्षा
भारत और भूटान ने सोमवार को नई दिल्ली में आयोजित भारत-भूटान विकास सहयोग वार्ता में परियोजनाओं की व्यापक समीक्षा की। इन परियोजनाओं को 2024-2029 के दौरान भारत की ओर से भूटान में 10,000 करोड़ रुपये के समर्थन से लागू किया जा रहा है। विदेश मंत्रालय ने बताया कि इस दौरान 1,113 करोड़ रुपये की लागत वाली 10 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई। इनमें भूटान में स्वास्थ्य, कनेक्टिविटी, शहरी बुनियादी ढांचा और पशुधन जैसे क्षेत्रों की योजनाएं शामिल हैं। गौरतलब है कि भारत लंबे समय से भूटान के पंचवर्षीय योजनाओं के लिए धन आवंटित करता रहा है। भारत ने 2024-2029 को लेकर भूटान की 13वीं पंचवर्षीय योजना के लिए 10,000 करोड़ रुपये की प्रतिबद्धता जताई है। बैठक में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व सचिव (पश्चिम) तन्मय लाल ने किया, जबकि भूटानी टीम का नेतृत्व विदेश सचिव ओम पेमा चोडेन ने किया।
344 योजनाओं पर हो रहा काम
भूटान को सहायता में प्रोजेक्ट टाइड असिस्टेंस (पीटीए) परियोजनाएं, उच्च प्रभाव वाली सामुदायिक विकास परियोजनाएं, आर्थिक प्रोत्साहन कार्यक्रम (ईएसपी) और अनुदान के रूप में बजटीय सहायता शामिल हैं। विदेश मंत्रालय के अनुसार, 4,958 करोड़ रुपये की 61 पीटीए परियोजनाएं और 417 करोड़ रुपये की 283 सामुदायिक परियोजनाएं विभिन्न क्षेत्रों में विकास व कार्यान्वयन के विभिन्न चरणों में हैं। भारत सरकार ने भूटान के आर्थिक प्रोत्साहन कार्यक्रम के लिए 750 करोड़ रुपये और कार्यक्रम अनुदान के रूप में 100 करोड़ रुपये भी जारी किए हैं।