Russia-Ukraine Conflict: 'हमारी भागीदारी के बिना समाधान की कोशिश बेकार', यूक्रेन संकट पर रूस की सख्त चेतावनी
रूस ने यूक्रेन संकट पर शांति प्रयासों को लेकर कड़ा रुख अपनाया है। विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा कि रूस को नजरअंदाज कर सुरक्षा समाधान ढूंढना एक बेकार की राह है। यह बयान ट्रंप और जेलेंस्की की मुलाकात के बाद आया है। लावरोव ने पुतिन-जेलेंस्की वार्ता की सख्त तैयारी की जरूरत भी बताई है, ताकि हालात और न बिगड़ें।
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रूस और यूक्रेन के बीच तीन साल से चल रहे संघर्ष के बाद अब शांति वार्ता को लेकर प्रयास तेज हो गए हैं। ऐसे में रूस ने बुधवार को साफ कर दिया कि यूक्रेन से जुड़ी सुरक्षा समस्याओं का हल अगर रूस की भागीदारी के बिना निकालने की कोशिश की गई, तो वह बेकार रास्ता होगा। यह बयान उस वक्त आया है जब दो दिन पहले अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की और यूरोपीय नेताओं से मुलाकात की थी।
मामले में रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा कि हम इस बात से सहमत नहीं हो सकते कि सामूहिक सुरक्षा से जुड़े मुद्दों को अब रूस को शामिल किए बिना हल करने की कोशिश हो रही है। यह कभी सफल नहीं होगा।उन्होंने आगे कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि पश्चिम, खासकर अमेरिका, यह अच्छी तरह समझता है कि रूस को बाहर रखकर सुरक्षा पर गंभीर चर्चा करना एक कल्पना है। ये कभी सफल नहीं हो सकता है।
रिपोर्टों के अनुसार, ट्रंप यूक्रेन और रूस के बीच तीन साल से चल रहे युद्ध को खत्म करने के लिए दोनों नेताओं को एक समझौते की ओर ले जाने की कोशिश कर रहे हैं, हालांकि कई बड़ी बाधाएं अब भी बनी हुई हैं। ऐसे में लावरोव ने कहा कि अगर पुतिन और जेलेंस्की के बीच कोई शिखर बैठक होती है तो उसे बहुत सावधानी से तैयार किया जाना चाहिए, ताकि हालात और ना बिगड़ें।
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नाटो के सैन्य प्रमुख ने बुलाई अहम बैठक
साथ ही रूसी मंत्री ने यूरोपीय नेताओं पर अमेरिका के राष्ट्रपति का रुख बदलने की भद्दी कोशिशें करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि हमें सोमवार की मीटिंग में यूरोपियों से कोई रचनात्मक सुझाव सुनने को नहीं मिला।इसी बीच, नाटो के सैन्य प्रमुख बुधवार को एक बैठक करने जा रहे हैं, जिसमें यूक्रेन को सुरक्षा गारंटी देने पर चर्चा होगी। इस वीडियो कॉन्फ्रेंस में अमेरिका के जनरल एलेक्सस ग्रिंकेविच भी शामिल होंगे, जो यूरोप में नाटो के अभियान की निगरानी करते हैं।
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अंतराष्ट्रीय सुरक्षा बल पर काम कर रहे यूक्रेन के सहयोगी देश
गौरतलब है कि यूक्रेन के सहयोगी देश जिनमें यूरोप के देश, जापान और ऑस्ट्रेलिया जैसे कुल 30 देश शामिल हैं एक ऐसे अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा बल पर काम कर रहे हैं जो भविष्य में किसी शांति समझौते को लागू करने में मदद कर सके। हालांकि अमेरिका इस सुरक्षा बल में क्या भूमिका निभाएगा, यह अभी स्पष्ट नहीं है। ट्रंप ने मंगलवार को साफ कहा कि वह यूक्रेन की रक्षा के लिए अमेरिकी सैनिक नहीं भेजेंगे। वहीं रूस ने पहले भी कई बार कहा है कि वह यूक्रेन में नाटो की मौजूदगी को किसी भी हाल में स्वीकार नहीं करेगा।