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Bangladesh: फिर से क्यों हो रही हैं बांग्लादेश में तख्तापलट की बातें, सेना प्रमुख-यूनुस का इस पर क्या रुख?
वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला
Published by: कीर्तिवर्धन मिश्र
Updated Thu, 27 Mar 2025 02:57 PM IST
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सार
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बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस और सेना प्रमुख वकर उज जमां।
- फोटो :
Bangladesh Army
विस्तार
बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के अगस्त 2024 में हुए तख्तापलट के बाद से स्थितियां सामान्य नहीं हो पाई हैं। सबकुछ ठीक करने का वादा करके सत्ता में आए मोहम्मद यूनुस अब तक कुछ खास नहीं कर सके हैं। इसे लेकर बांग्लादेश की जनता का रोष बढ़ रहा है। दूसरी तरफ हिंसा और अपराध की घटनाओं में इजाफा होने से देश की सेना भी नाराज है। खुद सेना प्रमुख भी कुछ मौकों पर इसे लेकर चेतावनी जारी कर चुके हैं। ऐसे में बांग्लादेश में तख्तापलट की खबरें भी सामने आई हैं।हालांकि, न तो सेना प्रमुख और न ही अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने माना है कि बांग्लादेश में ऐसा कुछ होने वाला है। यूनुस ने तो तख्तापलट के सवाल पर यहां तक कह दिया कि बांग्लादेश इस वक्त 'अफवाहों के त्योहार' का गवाह बन रहा है।
ऐसे में यह जानना अहम है कि आखिर बांग्लादेश में तख्तापलट को लेकर चर्चाएं शुरू होने की क्या वजह है? सेना प्रमुख के वे कौन से बयान थे, जिन्हें लेकर बांग्लादेश में सबकुछ ठीक न होने की बात कही जा रही है? मोहम्मद यूनुस की सरकार ने इस पर क्या कहा है? इसके अलावा शेख हसीना की पार्टी क्या कर रही है? आइये जानते हैं...
बांग्लादेश में क्यों शुरू हुईं तख्तापलट की चर्चाएं?
1. सेना प्रमुख की वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की खबरों ने भड़काई चिंगारी
बांग्लादेश में बीते कुछ दिनों से तख्तापलट की खबरों की वजह सेना प्रमुख के कुछ बयानों को वजह बताया जाता है। एक रिपोर्ट में कहा गया कि बांग्लादेशी सेना के प्रमुख वेकर उज जमां ने सोमवार को सेना के शीर्ष अधिकारियों की एक आपात बैठक बुलाई। इससे संकेत मिल रहे हैं कि अस्थिरता के दौर से गुजर रहे बांग्लादेश में आने वाले दिनों में कुछ बड़ा हो सकता है। इस रिपोर्ट में दावा किया कि बांग्लादेशी सेना प्रमुख द्वारा बुलाई गई बैठक में पांच लेफ्टिनेंट जनरल, आठ मेजर जनरल, स्वतंत्र ब्रिगेड के कमांडिंग अफसर और सेना मुख्यालय के शीर्ष अधिकारी शामिल हुए थे। तख्तापलट की चर्चा इसलिए भी तेज हो गई, क्योंकि बांग्लादेश की सेना ने राजधानी ढाका में अपनी सक्रियता बढ़ा दी है।
1. सेना प्रमुख की वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की खबरों ने भड़काई चिंगारी
बांग्लादेश में बीते कुछ दिनों से तख्तापलट की खबरों की वजह सेना प्रमुख के कुछ बयानों को वजह बताया जाता है। एक रिपोर्ट में कहा गया कि बांग्लादेशी सेना के प्रमुख वेकर उज जमां ने सोमवार को सेना के शीर्ष अधिकारियों की एक आपात बैठक बुलाई। इससे संकेत मिल रहे हैं कि अस्थिरता के दौर से गुजर रहे बांग्लादेश में आने वाले दिनों में कुछ बड़ा हो सकता है। इस रिपोर्ट में दावा किया कि बांग्लादेशी सेना प्रमुख द्वारा बुलाई गई बैठक में पांच लेफ्टिनेंट जनरल, आठ मेजर जनरल, स्वतंत्र ब्रिगेड के कमांडिंग अफसर और सेना मुख्यालय के शीर्ष अधिकारी शामिल हुए थे। तख्तापलट की चर्चा इसलिए भी तेज हो गई, क्योंकि बांग्लादेश की सेना ने राजधानी ढाका में अपनी सक्रियता बढ़ा दी है।
2. सेना प्रमुख के सख्त लहजे ने दिया था चर्चा को जन्म
पिछले महीने वकर उज-जमां ने बांग्लादेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था पर चिंता जताई थी। एक सैन्य कार्यक्रम में जनरल जमां ने कहा कि देश में राष्ट्रीय एकता और अनुशासन की सख्त जरूरत है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर समाज में झगड़े और खून-खराबा जारी रहा तो देश की स्वतंत्रता और अखंडता खतरे में पड़ सकती है। उन्होंने कहा, 'अगर आप आपसी मतभेद भुलाकर एक नहीं हुए और एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाते रहे, तो देश का अस्तित्व संकट में पड़ जाएगा।' बांग्लादेश के सेना प्रमुख के इन बयानों के बाद से ही देश की बिगड़ती स्थिति के बीच तख्तापलट की चर्चा शुरू हुई। हालांकि, सेना ने हाल ही में बयान जारी कर इन सब बातों को कोरी अफवाह करार दिया है।
Bangladesh: बांग्लादेश में तख्ता पलट की तैयारी? सेना प्रमुख ने बुलाई आपात बैठक, मीडिया रिपोर्ट्स में दावा
पिछले महीने वकर उज-जमां ने बांग्लादेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था पर चिंता जताई थी। एक सैन्य कार्यक्रम में जनरल जमां ने कहा कि देश में राष्ट्रीय एकता और अनुशासन की सख्त जरूरत है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर समाज में झगड़े और खून-खराबा जारी रहा तो देश की स्वतंत्रता और अखंडता खतरे में पड़ सकती है। उन्होंने कहा, 'अगर आप आपसी मतभेद भुलाकर एक नहीं हुए और एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाते रहे, तो देश का अस्तित्व संकट में पड़ जाएगा।' बांग्लादेश के सेना प्रमुख के इन बयानों के बाद से ही देश की बिगड़ती स्थिति के बीच तख्तापलट की चर्चा शुरू हुई। हालांकि, सेना ने हाल ही में बयान जारी कर इन सब बातों को कोरी अफवाह करार दिया है।
Bangladesh: बांग्लादेश में तख्ता पलट की तैयारी? सेना प्रमुख ने बुलाई आपात बैठक, मीडिया रिपोर्ट्स में दावा
हसीना की वापसी की अटकलों से कैसे जुड़ा तख्तापलट का कनेक्शन?
दो हफ्ते पहले ही बांग्लादेश में आवामी लीग पार्टी से जुड़े एक वरिष्ठ नेता ने दावा किया था कि शेख हसीना जल्द ही प्रधानमंत्री के तौर पर देश लौटेंगी। आवामी लीग के नेता रब्बी आलम ने कहा था कि युवा पीढ़ी ने गलती की है, लेकिन उन्हें बहकाया गया। आलम के इस बयान के बाद से ही छात्र संगठनों ने प्रदर्शन शुरू किए। खासकर जातीय नागरिक पार्टी (जिसे नेशनल सिटीजन पार्टी (एनसीपी) के तौर पर भी जाना जाता है) के नेताओं ने इस मामले में सेना को घेर लिया और आरोप लगाया कि बांग्लादेश की सेना ही अपदस्थ प्रधानमंत्री की पार्टी आवामी लीग को फिर स्थापित करने की साजिश रच रही है। पार्टी के नेता हसनत अब्दुल्ला ने कहा कि सेना की यह कोशिश सैन्य समर्थित साजिश है और इसे किसी भी कीमत पर विफल किया जाएगा।
दो हफ्ते पहले ही बांग्लादेश में आवामी लीग पार्टी से जुड़े एक वरिष्ठ नेता ने दावा किया था कि शेख हसीना जल्द ही प्रधानमंत्री के तौर पर देश लौटेंगी। आवामी लीग के नेता रब्बी आलम ने कहा था कि युवा पीढ़ी ने गलती की है, लेकिन उन्हें बहकाया गया। आलम के इस बयान के बाद से ही छात्र संगठनों ने प्रदर्शन शुरू किए। खासकर जातीय नागरिक पार्टी (जिसे नेशनल सिटीजन पार्टी (एनसीपी) के तौर पर भी जाना जाता है) के नेताओं ने इस मामले में सेना को घेर लिया और आरोप लगाया कि बांग्लादेश की सेना ही अपदस्थ प्रधानमंत्री की पार्टी आवामी लीग को फिर स्थापित करने की साजिश रच रही है। पार्टी के नेता हसनत अब्दुल्ला ने कहा कि सेना की यह कोशिश सैन्य समर्थित साजिश है और इसे किसी भी कीमत पर विफल किया जाएगा।
छात्र संगठनों ने सेना पर क्या आरोप लगाए?
हालांकि, बांग्लादेश की सेना ने जातीय नागरिक पार्टी के आरोपों को खारिज कर दिया। इसके बावजूद एनसीपी ने ढाका विश्वविद्यालय परिसर में विरोध रैलियां आयोजित कीं और सेना पर अवामी लीग को पुनर्वासित करने की कोशिश करने का आरोप लगाया। एनसीपी ने सेना पर राजनीतिक हस्तक्षेप का आरोप लगाया है। दूसरी तरफ सेना ने इन आरोपों को बेबुनियाद और हास्यास्पद करार दिया। सेना की तरफ से कहा गया कि 11 मार्च को सेना प्रमुख जनरल वकर उज जमां ने एनसीपी के दो नेताओं से शिष्टाचार मुलाकात की, लेकिन यह किसी भी राजनीतिक उद्देश्य के लिए नहीं था। हालांकि, सेना के इस स्पष्टीकरण का कोई खास असर नहीं हुआ।
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हालांकि, बांग्लादेश की सेना ने जातीय नागरिक पार्टी के आरोपों को खारिज कर दिया। इसके बावजूद एनसीपी ने ढाका विश्वविद्यालय परिसर में विरोध रैलियां आयोजित कीं और सेना पर अवामी लीग को पुनर्वासित करने की कोशिश करने का आरोप लगाया। एनसीपी ने सेना पर राजनीतिक हस्तक्षेप का आरोप लगाया है। दूसरी तरफ सेना ने इन आरोपों को बेबुनियाद और हास्यास्पद करार दिया। सेना की तरफ से कहा गया कि 11 मार्च को सेना प्रमुख जनरल वकर उज जमां ने एनसीपी के दो नेताओं से शिष्टाचार मुलाकात की, लेकिन यह किसी भी राजनीतिक उद्देश्य के लिए नहीं था। हालांकि, सेना के इस स्पष्टीकरण का कोई खास असर नहीं हुआ।
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