Brazil: निचले सदन ने 5000 रियाल तक की मासिक आय को आयकर से मुक्त करने का बिल किया मंजूर; अब सीनेट में जाएगा
Brazil Income Tax Exemption: ब्राजील के निचले सदन ने कम आय वाले लोगों के लिए आयकर छूट में बड़ा इजाफा करने वाला बिल मंजूर किया। बिल में अब 5000 रियाल तक की मासिक आय आयकर मुक्त होगी। राष्ट्रपति लूला दा सिल्वा का यह चुनावी वादा पूरा होने जा रहा है।
विस्तार
ब्राजील की निचले सदन ने एक एतिहासिक फैसला लेते हुए कम आय वाले लोगों के लिए आयकर छूट बढ़ाने वाला बिल मंजूर कर दिया। नए नियम के तहत अब मासिक आय 5,000 रियाल (लगभग 940 अमेरिकी डॉलर) तक की होगी, जो पहले की तुलना में दोगुनी से अधिक है। बिल अब सीनेट में जाएगा, जहां राष्ट्रपति को इसके पारित होने की उम्मीद है। यह राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला दा सिल्वा के 2022 के चुनावी अभियान की एक प्रमुख प्राथमिकता को पूरा करेगा। लूला अगले साल पुन: चुनाव लड़ने की उम्मीद कर रहे हैं।
राष्ट्रपति लूला ने इस निर्णय को कर न्याय और असमानता के खिलाफ जीत बताते हुए कहा कि यह लगभग 1.5 करोड़ ब्राजीलियाई कामगारों को लाभान्वित करेगा। मार्च में संसद में प्रस्तुत बिल के अनुसार, उच्च आय वर्ग के लिए न्यूनतम प्रभावी कर लागू किया जाएगा, जिससे सरकार की आय में होने वाले नुकसान की भरपाई होगी।
1 जनवरी 2026 से होगा प्रभावी
नई न्यूनतम कर दर 6,00,000 रियाल वार्षिक आय वाले लोगों पर लागू होगी और 12,00,000 रियाल वार्षिक आय वाले लोगों के लिए यह 10 प्रतिशत तक बढ़ जाएगी। ब्राजील के वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस कानून का लक्ष्य लगभग 1,41,000 अमीर नागरिक होंगे, जो वर्तमान में औसतन 2.5 प्रतिशत की प्रभावी कर दर का भुगतान करते हैं। यदि यह उपाय सीनेट से पास हो जाता है, तो लूला इसे कानून में तब्दील करेंगे और यह 1 जनवरी 2026 से प्रभावी होगा। निचले सदन में सर्वसम्मति से पास होना, जबकि लूला की गठबंधन सरकार को बहुमत नहीं है, व्यापक जन समर्थन और विपक्ष की कमजोर स्थिति को दर्शाता है।
ये भी पढ़ें:- France: देशव्यापी हड़ताल के बीच बंद हुआ एफिल टॉवर, खर्च कटौती को लेकर फ्रांस में लाखों लोग कर रहे प्रदर्शन
बड़ी संख्या में जनता पर प्रभाव डालेगी- राजनीतिक वैज्ञानिक सान्ताना
आयकर छूट बढ़ाने से लूला को बड़ा राजनीतिक लाभ मिल सकता है और इससे उनके मुख्य प्रतिद्वंद्वी पूर्व दक्षिणपंथी राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो के समर्थकों में से झुकाव वाले मतदाताओं को आकर्षित किया जा सकता है, ऐसा अलागोआस विश्वविद्यालय की राजनीतिक वैज्ञानिक लुसियाना सान्ताना का कहना है। सान्ताना के अनुसार यह नीति बड़ी संख्या में जनता पर प्रभाव डालेगी और सरकार को इसकी सख्त जरूरत है, क्योंकि इसका सामाजिक असर व्यापक है। ब्राजील की राष्ट्रीय सांख्यिकी एजेंसी IGBE के अनुसार, 2024 में देश की लगभग 90 प्रतिशत आबादी की प्रति व्यक्ति घरेलू आय 4040 रियाल से कम थी।
2022 के चुनाव में लूला और बोल्सोनारो दोनों ने आयकर छूट को कम से कम दोगुना करने का वादा किया था, जिसे लूला ने मामूली अंतर से जीता। बोल्सोनारो ने 2018 के अभियान में भी इसे लागू करने का वादा किया था, लेकिन सफल नहीं हुए। स्पीकर हुगो मोट्टा के समय पर इस प्रस्ताव को एजेंडा में रखने के फैसले से लूला को फायदा मिल सकता है। हाल ही में जनता ने बोल्सोनारो और अन्य को मिली कूप प्रयास के लिए माफी पर चर्चा के खिलाफ सड़कों पर प्रदर्शन किया।
ये भी पढ़ें:- PoJK: बंदूक की नोक पर भी नहीं रुका प्रदर्शन, पांचवें दिन भी सड़कों पर सैलाब; लोग बोले- सरकार राक्षस बन चुकी है
आयकर छूट राज्य का कृपा नहीं, बल्कि एक अधिकार- मोट्टा
हुगो मोट्टा ने कहा कि आयकर छूट राज्य का कृपा नहीं, बल्कि एक अधिकार की पुष्टि है, जो सामाजिक न्याय की दिशा में एक कदम है और 5,000 रियाल तक कमाने वालों के लिए अधिक पैसा सुनिश्चित करता है। गेटुलियो वर्गास फाउंडेशन की अर्थशास्त्री कार्ला बेनी ने कहा कि प्रस्तावित छूट ऐसे असंतुलन को सुधारने में मदद करेगी, जिसमें कई अमीर अपेक्षाकृत कम कर देते हैं, जबकि गरीब अधिक कर चुकाते हैं। बेनी ने कहा लोग इसे खर्च करेंगे, बचत करेंगे या अपने कर्ज चुका देंगे।