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Cobalt Mine Collapse: कांगो की कोबाल्ट की खान में बड़ा हादसा, पुल टूटने से 40 की मौत; सामने आई हादसे की वजह
वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, किंशासा
Published by: हिमांशु चंदेल
Updated Mon, 17 Nov 2025 01:56 AM IST
सार
कांगो के लुआलाबा प्रांत की कालांडो खान में अवैध खनन के दौरान पुल गिरने से कम से कम 40 लोगों की मौत हो गई। सरकारी रिपोर्ट में पता चला कि सैनिकों की गोलीबारी से मची भगदड़ में बड़ी भीड़ पुल पर चढ़ गई, जिससे पुल टूट गया।
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कांगो देश का झंडा।
- फोटो : Freepik
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विस्तार
कांगो के दक्षिण-पूर्वी हिस्से में एक बड़ी खनन दुर्घटना ने पूरे क्षेत्र को दहला दिया है। मुलोंडो इलाके की कालांडो खान में बना पुल अचानक ध्वस्त हो गया, जिससे अफरा-तफरी के बीच बड़ी संख्या में लोग उसकी चपेट में आ गए। हादसे में कम से कम 40 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि कई अन्य गंभीर रूप से घायल हुए हैं। स्थानीय प्रशासन ने इस घटना को अवैध खनन और भीड़भाड़ का नतीजा बताया है।
लुआलाबा प्रांत के आंतरिक मंत्री रॉय काउंबा मायोंडे ने बताया कि भारी बारिश और भूस्खलन के खतरे को देखते हुए खदान में प्रवेश पर सख्ती से रोक लगाई गई थी। इसके बावजूद अवैध खनिकों ने जबरन खदान में घुसने की कोशिश की। उन्होंने बताया कि मौके पर मौजूद सैनिकों की हवाई फायरिंग से खनिकों में भगदड़ मच गई और बड़ी संख्या में लोग पुल पर चढ़ गए, जिसके वजन को पुल सहन नहीं कर सका और टूटकर गिर गया।
सरकारी रिपोर्ट में बड़ा खुलासा
सरकारी एजेंसी SAEMAPE की रिपोर्ट में बताया गया कि सैनिकों की गोलीबारी से बचने के लिए बड़ी भीड़ पुल की ओर भागी और अचानक हुए दबाव ने पुल को गिरा दिया। रिपोर्ट में मृतकों का आंकड़ा कम से कम 40 बताया गया है। स्थानीय प्रशासन ने कहा कि पुल गिरने के बाद कई लोग एक-दूसरे के ऊपर गिर पड़े, जिससे मौतें और बढ़ गईं। बचाव दल ने देर रात तक राहत कार्य जारी रखा।
ये भी पढ़ें- धमाके, आगजनी और हिंसक झड़पें... शेख हसीना पर फैसले से पहले बांग्लादेश में भड़की हिंसा; बढ़ा तनाव
खनन अधिकारों को लेकर पुराना विवाद
कालांडो खान लंबे समय से विवादों में घिरी रही है। यह विवाद अवैध खनिकों, एक स्थानीय कोऑपरेटिव और लाइसेंसधारी ऑपरेटरों के बीच चल रहा है। सरकार ने कई बार अवैध खनन पर रोक लगाने की कोशिश की लेकिन आर्थिक तंगी और बेरोजगारी की वजह से स्थानीय लोग बार-बार खदान में दाखिल हो जाते हैं। इस बार भी यही अवैध गतिविधि बड़े हादसे का कारण बनी।
कोबाल्ट से भरी जमीन, लेकिन हालात खतरनाक
कांगो दुनिया में कोबाल्ट का सबसे बड़ा उत्पादक है। यह खनिज इलेक्ट्रिक वाहनों में इस्तेमाल होने वाली लिथियम-आयन बैटरी के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। रिपोर्टों के मुताबिक, देश के 80 प्रतिशत उत्पादन पर चीनी कंपनियों का नियंत्रण है। हालांकि, खनन उद्योग पर वर्षों से बाल श्रम, असुरक्षित कार्य-स्थितियों और भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे हैं। इस हादसे ने एक बार फिर कांगो के खनन क्षेत्र की दयनीय स्थिति को उजागर कर दिया है।
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लुआलाबा प्रांत के आंतरिक मंत्री रॉय काउंबा मायोंडे ने बताया कि भारी बारिश और भूस्खलन के खतरे को देखते हुए खदान में प्रवेश पर सख्ती से रोक लगाई गई थी। इसके बावजूद अवैध खनिकों ने जबरन खदान में घुसने की कोशिश की। उन्होंने बताया कि मौके पर मौजूद सैनिकों की हवाई फायरिंग से खनिकों में भगदड़ मच गई और बड़ी संख्या में लोग पुल पर चढ़ गए, जिसके वजन को पुल सहन नहीं कर सका और टूटकर गिर गया।
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सरकारी रिपोर्ट में बड़ा खुलासा
सरकारी एजेंसी SAEMAPE की रिपोर्ट में बताया गया कि सैनिकों की गोलीबारी से बचने के लिए बड़ी भीड़ पुल की ओर भागी और अचानक हुए दबाव ने पुल को गिरा दिया। रिपोर्ट में मृतकों का आंकड़ा कम से कम 40 बताया गया है। स्थानीय प्रशासन ने कहा कि पुल गिरने के बाद कई लोग एक-दूसरे के ऊपर गिर पड़े, जिससे मौतें और बढ़ गईं। बचाव दल ने देर रात तक राहत कार्य जारी रखा।
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खनन अधिकारों को लेकर पुराना विवाद
कालांडो खान लंबे समय से विवादों में घिरी रही है। यह विवाद अवैध खनिकों, एक स्थानीय कोऑपरेटिव और लाइसेंसधारी ऑपरेटरों के बीच चल रहा है। सरकार ने कई बार अवैध खनन पर रोक लगाने की कोशिश की लेकिन आर्थिक तंगी और बेरोजगारी की वजह से स्थानीय लोग बार-बार खदान में दाखिल हो जाते हैं। इस बार भी यही अवैध गतिविधि बड़े हादसे का कारण बनी।
कोबाल्ट से भरी जमीन, लेकिन हालात खतरनाक
कांगो दुनिया में कोबाल्ट का सबसे बड़ा उत्पादक है। यह खनिज इलेक्ट्रिक वाहनों में इस्तेमाल होने वाली लिथियम-आयन बैटरी के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। रिपोर्टों के मुताबिक, देश के 80 प्रतिशत उत्पादन पर चीनी कंपनियों का नियंत्रण है। हालांकि, खनन उद्योग पर वर्षों से बाल श्रम, असुरक्षित कार्य-स्थितियों और भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे हैं। इस हादसे ने एक बार फिर कांगो के खनन क्षेत्र की दयनीय स्थिति को उजागर कर दिया है।