ट्रंप का दावा- अमेरिका ने मार गिराया ईरानी ड्रोन, घटना से ईरान का इनकार, कहा- हमने कुछ नहीं खोया
ईरान के साथ चले आ रहे तनाव के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका की सीमाक्षेत्र में एक ईरानी ड्रोन को मार गिराने का दावा किया है। उन्होंने दावा किया कि अमेरिकी युद्धपोत ने होर्मुज के जलडमरूमध्य में एक ईरानी ड्रोन को मार गिराया है। वहीं दूसरी ओर, ईरान के विदेश मंत्री मो. जारिफ ने ऐसी किसी घटना से इनकार किया है।
Iranian Foreign Minister Zarif says 'no information about losing a drone today': AFP news agency https://t.co/ODqpMk91pD
विज्ञापन— ANI (@ANI) July 18, 2019विज्ञापन
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि होर्मुज के जलडमरूमध्य में अमेरिकी युद्धपोत के 1,000 गज के भीतर ड्रोन के आने के बाद यूएसएस बॉक्सर ने रक्षात्मक कार्रवाई की और ड्रोन को नष्ट कर डाला। ईरान के विदेश मंत्री मो. जारिफ ने ऐसी किसी घटना से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटना के बारे में कोई सूचना नहीं है। ईरान ने अपना कोई ड्रोन नहीं खोया है।
ट्रंप ने कहा कि ईरानी ड्रोन ने अमेरिकी जहाज और उसके चालक दल की सुरक्षा को चुनौती दी और उसके लिए खतरा पैदा करना चाहा, जिसके जवाब में अमेरिकी युद्धपोत ने कार्रवाई की। उन्होंने अन्य देशों से ईरान की निंदा करने की अपील की। ट्रंप ने अन्य देशों से अपने जहाजों की सुरक्षा करने का और जासूसी गतिविधियों पर नजर रखने का भी आह्वान किया।
एक माह पूर्व ईरान ने मार गिराया था अमेरिकी ड्रोन
करीब एक महीने पहले ईरान ने अमेरिकी ड्रोन को मार गिराया था। ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड ने 20 जून को दावा किया था कि उसने अमेरिका के एक 'जासूस ड्रोन' को मार गिराया है। ईरानी सेना का दावा था कि अमेरिकी ड्रोन ने उसके वायुक्षेत्र का उल्लंघन करते हुए उसके क्षेत्र में प्रवेश किया था, जिसके बाद उसे मार गिराया गया।
इस घटना के बाद दोनों देशों के बीच युद्ध जैसे हालात बनने लगे थे। इससे पहले अमेरिकी सेना ने जून में ही ईरान पर आरोप लगाया था कि उसने ओमान की खाड़ी में मौजूद तेल के टैंकरों को निशाना बनाया, जिसके बाद अमेरिका ने उस पर मिसाइल से हमला किया था।
दोनों देशों के बीच एक साल से तनाव जारी
अमेरिका और ईरान के बीच पिछले एक साल से तनावपूर्ण माहौल जारी है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान से एक साल पहले परमाणु समझौता वापस ले लिया था। ईरान ने हाल ही में कहा था कि वह कम समृद्ध यूरेनियम के उत्पादन को बढ़ाएगा और उसने हथियार-ग्रेड स्तर के करीब इसके संवर्धन को बढ़ावा देने की धमकी दी थी, जिससे कि यूरोप पर 2015 डील के लिए दबाव बनाया जा सके।