ASEAN SUMMIT: जयशंकर ने आसियान सम्मेलन से इतर न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री से की मुलाकात, इन मुद्दों पर की चर्चा
मलयेशिया में आसियान सम्मेलन के दौरान विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन और मलयेशियाई विदेश मंत्री मोहम्मद हाजी हसन से मुलाकात की। बातचीत में द्विपक्षीय संबंध, इंडो-पैसिफिक सहयोग और म्यांमार की स्थिति जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई।
विस्तार
कुआलालंपुर में आयोजित दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के संगठन (आसियान) के वार्षिक सम्मेलन के दौरान जयशंकर ने यह बैठकें कीं। उन्होंने बताया कि न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री लक्सन से उनकी मुलाकात बेहद सकारात्मक रही और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से उन्होंने लक्सन को गर्मजोशी भरे शुभकामनाएं दीं। जयशंकर ने कहा कि भारत और न्यूजीलैंड एक मुक्त और खुले इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के लिए मिलकर काम करने को प्रतिबद्ध हैं।
A pleasure meeting PM @chrisluxonmp of New Zealand on sidelines of #ASEAN2025 meetings. Extended warm greetings from PM @narendramodi.
Welcome his commitment to advance our bilateral cooperation and nurture a free and open Indo-Pacific.
🇮🇳 🇳🇿 pic.twitter.com/QxdEm7CDkJ — Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) October 27, 2025
मलयेशिया के साथ सहयोग पर जोर
जयशंकर ने मलयेशियाई विदेश मंत्री मोहम्मद हाजी हसन से भी मुलाकात कर द्विपक्षीय सहयोग में हो रही प्रगति की समीक्षा की। दोनों नेताओं ने म्यांमार की स्थिति पर भी विचार साझा किए। जयशंकर ने अपने मलयेशियाई समकक्ष को सफल आसियान और पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलनों के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि भारत और मलयेशिया के बीच व्यापार, निवेश और लोगों के बीच आपसी संपर्क को और मजबूत करने की दिशा में निरंतर प्रयास जारी रहेंगे।
मलयेशियाई प्रधानमंत्री से भी हुई वार्ता
इससे पहले रविवार को जयशंकर ने मलयेशियाई प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम से भी वार्ता की थी। इस दौरान उन्होंने दोनों देशों के बीच आपसी रिश्तों को और गहरा करने तथा ‘पीपल-टू-पीपल कनेक्ट’ को बढ़ाने पर जोर दिया था। जयशंकर ने सोशल मीडिया पर बताया कि मलयेशियाई प्रधानमंत्री के विचार भारत-मलयेशिया सहयोग को सशक्त करने में सहायक हैं।
आसियान की क्षेत्रीय अहमियत पर भारत का फोकस
गौरतलब है कि मलयेशिया इस वर्ष आसियान समूह का अध्यक्ष है और सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है। 11 देशों का यह समूह एशिया-प्रशांत क्षेत्र में सबसे प्रभावशाली संगठनों में से एक माना जाता है। भारत, अमेरिका, चीन, जापान और ऑस्ट्रेलिया जैसे देश इसके संवाद साझेदार हैं। भारत लंबे समय से आसियान देशों के साथ राजनीतिक, आर्थिक और सुरक्षा सहयोग को मजबूत करने पर काम कर रहा है।
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