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अर्जेंटीना: मध्यावधि चुनावों में राष्ट्रपति मिलेई की पार्टी को मिली बड़ी जीत, ट्रंप प्रशासन को मिली खुशखबरी
वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, ब्यूनस आयर्स (अर्जेंटीना)
Published by: निर्मल कांत
Updated Mon, 27 Oct 2025 10:39 AM IST
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सार
अर्जेंटीना के राष्ट्रपति जावियर मिलेई की पार्टी ने मध्यावधि चुनावों में निर्णायक जीत हासिल की है, जिससे उनकी कांग्रेस में स्थिति मजबूत हो गई है। इस जीत के साथ मिलेई अपने मुक्त बाजार सुधार लागू करने में सक्षम होंगे और उन्हें अमेरिका से आर्थिक समर्थन मिलने की उम्मीद है। विपक्ष को चुनाव में केवल 31 फीसदी वोट मिले। जबकि मिलेई की पार्टी ने 40 फीसदी से अधिक वोट हासिल किए।
जावियर मिलेई
- फोटो : एक्स/ला लिबर्टाड अवांजा
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विस्तार
अर्जेंटीना के राष्ट्रपति जावियर मिलेई ने रविवार को संपन्न मध्यावधि चुनावों में प्रमुख जिलों में निर्णायक जीत हासिल की। इस जीत के साथ उन्हें कांग्रेस (संसद) में मजबूती मिली है। इससे वह अपने सख्त मुक्त बाजार सुधारों को लागू कर पाएंगे। उन्हें अमेरिका के डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन से अरबों डॉलर के समर्थन की उम्मीद है।
मिलेई की पार्टी ने हासिल किए 40 फीसदी वोट
स्थानीय मीडिया और चुनाव प्राधिकरण के आंकड़ों के मुताबिक, मिलेई की पार्टी 'ला लिबर्टाड अवांजा' ने राष्ट्रीय चुनावों में 40 फीसदी से अधिक वोट हासिल किए। पार्टी को निचले सदन के लगभग आधे सदस्यों को दोबारा चुनने में सफलता मिली। सीनेट के एक तिहाई सदस्यों के चुनाव में भी उनकी पार्टी ने आठ प्रांतों में से छह में जीत दर्ज की। इसके मुकाबले वामपंथ की ओर झुकाव रखने वाले विपक्ष ने केवल 31 फीसदी वोट हासिल किए, जिसे विश्लेषकों ने कई वर्षों में गठबंधन का सबसे कमजोर प्रदर्शन बताया।
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जीत के बाद क्या राष्ट्रपति मिलेई ने क्या कहा?
मिलेई ने जीत के बाद कहा कि उनकी पार्टी निचले सदन में 37 सीट से बढ़कर 101 सीट और सीनेट में 14 और सीट जीतकर कुल 20 सीट हासिल कर चुकी है। इस मजबूत स्थिति से उनके लिए राष्ट्रपति वीटो लागू करना, महाभियोग रोकना और आगामी महीनों में कर और श्रम सुधार लागू करना आसान होगा। मिलेई ने अपने पार्टी मुख्यालय में मंच पर आकर अपनी प्रसिद्ध डैथ-मेटल धुन के कुछ शब्द गाए और कहा, 'मैं एक खोई हुई दुनिया का राजा हूं।' उन्होंने अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा कि अर्जेंटीना के लोगों ने पेरोनिज्म के दशकों के शासन को पीछे छोड़ दिया है और प्रगति को चुना है। पेरोनिज्म अर्जेंटीना में एक प्रसिद्ध राजनीतिक विचारधारा है, जिसे 1940-50 के दशक में तत्कालीन राष्ट्रपति हुआन पेरॉन ने बढ़ावा दिया था।
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने दी थी चेतावनी
विशेषज्ञों के मुताबिक, इस चुनाव ने उस समय वॉशिंगटन और वॉल स्ट्रीट का भी काफी ध्यान आकर्षित किया, खासकर जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चेतावनी दी थी कि अगर मिलेई चुनाव हार जाते हैं तो अर्जेंटीना को 20 अरब डॉलर की मदद रद्द की जा सकती है। हालांकि, मतदान अनिवार्य होने के बावजूद केवल 68 फीसदी मतदान हुआ। यह 1983 में लोकतंत्र की वापसी के बाद सबसे कम मतदान प्रतिशत में से एक था।
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मिलेई ने पिछले वर्षों में सरकारी खर्च में कटौती की और अर्जेंटीना की अर्थव्यवस्था का उदारीकरण किया। बजट में कटौती और जीवन यापन भत्तों में कटौती के बावजूद महंगाई में कमी आई। लेकिन आम लोग अब भी मुश्किलों का सामना कर रहे हैं। बिजली और सार्वजनिक परिवहन की लागत बढ़ गई है और बेरोजगारी दर भी बढ़ी है।
मिलेई की पार्टी ने हासिल किए 40 फीसदी वोट
स्थानीय मीडिया और चुनाव प्राधिकरण के आंकड़ों के मुताबिक, मिलेई की पार्टी 'ला लिबर्टाड अवांजा' ने राष्ट्रीय चुनावों में 40 फीसदी से अधिक वोट हासिल किए। पार्टी को निचले सदन के लगभग आधे सदस्यों को दोबारा चुनने में सफलता मिली। सीनेट के एक तिहाई सदस्यों के चुनाव में भी उनकी पार्टी ने आठ प्रांतों में से छह में जीत दर्ज की। इसके मुकाबले वामपंथ की ओर झुकाव रखने वाले विपक्ष ने केवल 31 फीसदी वोट हासिल किए, जिसे विश्लेषकों ने कई वर्षों में गठबंधन का सबसे कमजोर प्रदर्शन बताया।
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जीत के बाद क्या राष्ट्रपति मिलेई ने क्या कहा?
मिलेई ने जीत के बाद कहा कि उनकी पार्टी निचले सदन में 37 सीट से बढ़कर 101 सीट और सीनेट में 14 और सीट जीतकर कुल 20 सीट हासिल कर चुकी है। इस मजबूत स्थिति से उनके लिए राष्ट्रपति वीटो लागू करना, महाभियोग रोकना और आगामी महीनों में कर और श्रम सुधार लागू करना आसान होगा। मिलेई ने अपने पार्टी मुख्यालय में मंच पर आकर अपनी प्रसिद्ध डैथ-मेटल धुन के कुछ शब्द गाए और कहा, 'मैं एक खोई हुई दुनिया का राजा हूं।' उन्होंने अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा कि अर्जेंटीना के लोगों ने पेरोनिज्म के दशकों के शासन को पीछे छोड़ दिया है और प्रगति को चुना है। पेरोनिज्म अर्जेंटीना में एक प्रसिद्ध राजनीतिक विचारधारा है, जिसे 1940-50 के दशक में तत्कालीन राष्ट्रपति हुआन पेरॉन ने बढ़ावा दिया था।
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने दी थी चेतावनी
विशेषज्ञों के मुताबिक, इस चुनाव ने उस समय वॉशिंगटन और वॉल स्ट्रीट का भी काफी ध्यान आकर्षित किया, खासकर जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चेतावनी दी थी कि अगर मिलेई चुनाव हार जाते हैं तो अर्जेंटीना को 20 अरब डॉलर की मदद रद्द की जा सकती है। हालांकि, मतदान अनिवार्य होने के बावजूद केवल 68 फीसदी मतदान हुआ। यह 1983 में लोकतंत्र की वापसी के बाद सबसे कम मतदान प्रतिशत में से एक था।
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मिलेई ने पिछले वर्षों में सरकारी खर्च में कटौती की और अर्जेंटीना की अर्थव्यवस्था का उदारीकरण किया। बजट में कटौती और जीवन यापन भत्तों में कटौती के बावजूद महंगाई में कमी आई। लेकिन आम लोग अब भी मुश्किलों का सामना कर रहे हैं। बिजली और सार्वजनिक परिवहन की लागत बढ़ गई है और बेरोजगारी दर भी बढ़ी है।