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Peace Talks: पाकिस्तान-अफगानिस्तान वार्ता में गतिरोध जारी, तालिबान ने TTP के खिलाफ कार्रवाई से किया इनकार

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, इ्स्तांबुल। Published by: निर्मल कांत Updated Mon, 27 Oct 2025 11:23 AM IST
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सार

Peace Talks: इस्तांबुल में पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच वार्ता में दूसरे दिन भी गतिरोध जारी रहा। अफगान तालिबान ने टीटीपी और अन्य आतंकवादी समूहों के खिलाफ कार्रवाई के लिए लिखित में कोई आश्वासन देने से इनकार किया। पाकिस्तान ने चेतावनी दी कि तालिबान का यह रुख क्षेत्र के लिए खतरे का संकेत है और आगे की वार्ता उनके सकारात्मक रुख पर निर्भर करेगी।

Deadlock persists at Pakistan-Afghanistan talks in Turkiye over Taliban's refusal to act against TTP
अफगान तालिबान के लड़ाके - फोटो : एएनआई डिजिटल
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विस्तार
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तुर्किये के सबसे बड़े शहर इस्तांबुल में रविवार को पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच वार्ता में गतिरोध बना रहा। अफगान तालिबान के प्रतिनिधिमंडल तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) और अन्य आतंकवादी संगठनों के खिलाफ 'विश्वसनीय कदम' उठाने की बात से हिचकिचाता रहा। पाकिस्तान दावा करता आया है कि इन आतंकी संगठनों के ठिकाने अफगानिस्तान में हैं। 

 
'डॉन' अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, वार्ता के दूसरे दिन भी दोनों पक्ष आतंकवादी संगठनों को खत्म करने को लेकर कोई साझा राय नहीं बना सके। करीब नौ घंटे की गहन चर्चा के बाद पाकिस्तानी सुरक्षा अधिकारियों ने कहा कि उनकी टीम ने अफगानिस्तान के सामने अपनी अंतिम स्थिति रखी और जोर दिया कि तालिबान शासन को सीमा पार और अफगानिस्तान के भीतर आतंकवाद को खत्म करने के लिए ठोस और विश्वसनीय कदम उठाने होंगे।
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रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान के एक वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी ने कहा कि अफगान तालिबान की ओर से आतंकवादियों का संरक्षण स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने कहा कि तालिबान की प्रतिक्रिया तर्कहीन और वास्तविकताओं के विपरीत रही। अधिकारी ने यह भी आरोप लगाते हुए कहा, ऐसा लगता है कि तालिबान प्रतिनिधिमंडल किसी और एजेंडा पर चल रहा है। 

शांति वार्ता पर पाकिस्तानी अधिकारियों ने क्या कहा?
अखबार ने कहा कि यह शक तब और गहरा हो गया, जब इस्तांबुल में वार्ता के दौरान पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के लीपा सेक्टर में कथित रूप से संघर्ष विराम का उल्लंघन हुआ। आधिकारिक तौर पर हताहतों की कोई सूचना नहीं मिली। लेकिन स्थानीय लोगों ने रविवार शाम तेज गोलीबारी की सूचना दी। पाकिस्तानी अधिकारियों ने चेतावनी दी कि तालिबान का यह रुख अफगानिस्तान, पाकिस्तान और क्षेत्र के हित में नहीं है। उन्होंने कहा कि वार्ता में आगे की प्रगति अफगान तालिबान के 'सकारात्मक रुख' पर निर्भर करेगी। 

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अफगान तालिबान ने नहीं दिया लिखित आश्वासन
अफगान तालिबान के प्रतिनिधिमंडल ने रविवार को पाकिस्तान की मांगों पर लिखित में जवाब दिया। जिसके बाद इस्लामाबाद ने अपनी प्रतिक्रिया साझा की। दोपहर बाद तुर्किये और कतर के वरिष्ठ मध्यस्थों की मौजूदगी में हुई दूसरी बैठक में शुरुआत में उम्मीद जगी। लेकिन लंबे विचार-विमर्श के बाद अफगान तालिबान के प्रतिनिधिमंडल ने कोई लिखित आश्वासन देने से इनकार कर दिया। 

दोनों पक्षों के प्रतिनिधिमंडल में कौन शामिल थे?
पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल में आईएसआई, सैन्य अभियान निदेशालय और विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ सुरक्षा और खुफिया अधिकारी शामिल थे। वहीं, अफगान पक्ष का नेतृत्व उप गृह मंत्री मौलवी रहमतुल्लाह नजीब ने किया और इसमें तालिबान के वरिष्ठ नेता अनास हक्कानी, सुहैल शाहीन, नूरुर रहमान नुसरत और अब्दुल कहार बाल्खी शामिल थे।

कहां से शुरू हुआ ताजा संघर्ष?
यह संघर्ष तब शुरू हुआ, जब  तालिबान सरकार ने काबुल में हुए धमाकों का आरोप पाकिस्तान पर लगाया। इसके बाद सीमा पर जवाबी हमले हुए। दोनों देशों ने पहले 48 घंटे के संघर्ष विराम पर सहमति जताई थी, लेकिन वह कुछ ही समय में टूट गया। इसके बाद कतर और तुर्किये की मध्यस्थता में रविवार को दूसरा संघर्ष विराम किया गया, जो फिलहाल कायम है।

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